हरियाणा

haryana

ETV Bharat / city

किसान आंदोलन के 300 दिन पूरे, ये है आगे की बड़ी रणनीति

किसान आंदोलन (farmer protest) इस समय भारत का सबसे बड़ा आंदोलन कहा जा रहा है. किसान नवंबर 2020 से अभी तक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन को आज 300 दिन (Farmer protest 300 Days) पूरे हो गए है. और किसान अब एक बार फिर भारत बंद की तैयारी कर रहे हैं.

farmer protest
farmer protest

By

Published : Sep 22, 2021, 1:15 PM IST

चंडीगढ़ःकेंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों (three new agricultural laws) के खिलाफ हरियाणा, पंजाब और यूपी के किसान बीते कई माह से दिल्ली की सीमा पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. सर्दी, गर्मी और बरसात के महीने बीत चुके हैं मगर किसान धरना स्थल खाली करने को तैयार नहीं हैं, और ना ही उनका हौंसला डिगा है. हालांकि इस लंबे वक्त में किसान आंदोलन ने कई तरह के रंग देख, कई तरह का वक्त देखा और कई तरह के मौसम देखे. 26 जनवरी को हुई घटना के बाद जब आंदोलन की आलोचना शुरू हुई तो लोगों ने कहा कि अब ये खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

एक वक्त गाजीपुर बॉर्डर पर बहुत कम किसान बचे थे और रात में पुलिस फोर्स ने धरना स्थल को चारों तरफ से घेर लिया. राकेश टिकैत को उस वक्त लगा कि मामला बिगड़ रहा है और फिर कैमरे पर उनकी आंखो से आंसू टपक गए और वो आंसू लोगों का सैलाब लेकर आये. अब आंदोलन को 300 दिन (Farmer protest 300 Days) पूरे हो गए हैं और ये एक तरीके से आम जिंदगी जैसा हो गया है. लेकिन यहां तक किसानों का ये आंदोलन कैसे पहुंचा. किसानों के सामने अब तक कितनी परेशानियां आई और अब आंदोलन कैसे चल रहा है.

किसानों के ट्विटर हैंडल से किया गया ट्वीट

नवंबर 2020 में शुरू हुआ आंदोलनः जब सर्दियों की शुरूआत हो रही थी तो किसान धान की फसल से निपटकर दिल्ली की ओर रुख कर रहे थे. इसकी शुरूआत पंजाब से हुई, दरअसल किसान केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. जो उन्होंने लंबे समय तक पहले पंजाब में किया लेकिन उसके बाद जब वो दिल्ली आने के लिए निकले तो हरियाणा सरकार ने किसानों को रोकने की भरसक कोशिश की. सड़कें तक सरकार ने खुदवा दीं. लेकिन किसान तमाम बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गए और दिल्ली बॉर्डर पर जाकर बैठ गए.

ये भी पढ़ेंःसिंघु बॉर्डर खोलने का मामला: हाई पावर कमेटी की बैठक में नहीं पहुंचे किसान, उद्योगपतियों के साथ हुई चर्चा

इसके बाद हरियाणा और यूपी से बड़ी संख्या में किसान इस आंदोलन का हिस्सा हो गए, कई सेलिब्रिटी ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया. तब सरकार ने किसानों से बातचीत शुरू की, लेकिन कई दौर की बातचीत के बाद भी बात नहीं बनी और बातचीत का सिलसिला रुक गया. तब से लेकर अब तक आंदोलन ऐसे ही चल रहा है.

300 दिन पूरे होने पर किसानों के ट्विटर हैंडल से किया गया ट्वीट हुआ वायरल

आंदोलन चल कैसे रहा है?:इस सवाल के जवाब में किसानों का मैनेजमेंट सामने आता है. किसान बारी-बारी से धरना दे रहे हैं. वो अपने घर का काम भी करते हैं और धरने में हिस्सेदारी भी देते हैं. इस सबको मैनेज करने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत और बाकी नेताओं ने पूरे देश में जा जाकर किसान महापंचायतें की हैं और किसानों के साथ मिलकर एक मैनेजमेंट तैयार किया है. क्योंकि किसान नेताओं का मानना है कि ये लड़ाई लंबी चलने वाली है.

भारत बंद की तैयारी के लिए कुरुक्षेत्र में किसानों की महापंचायत

अब आगे क्या?: सरकार अभी भी अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है और ना ही किसान हटने को तैयार हैं, उनका मानना है कि ये लड़ाई लंबी चलने वाली है इसीलिए, किसान 27 सितंबर को एक बार फिर भारत बंद करने का ऐलान कर चुके हैं. इसकी तैयारी में ही आज यानि 22 सितंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने किसान महापंचायत में हिस्सा लिया है जिसमें कई और किसान नेता भी मौजूद रहे. यहां रणनीति तैयार की गई है कि किस तरीके से भारत बंद होगा और उसकी रूपरेखा क्या होगी.

ये भी पढ़ेंःकुंडली-सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने तोड़ा दम, हार्ट अटैक बताई जा रही है वजह

ABOUT THE AUTHOR

...view details