चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन के बीच किसान धीरे-धीरे गेहूं बेचने के लिए मंडी पहुंचने लगे हैं. किसानों के लिए इस वक्त गेहूं को बेचना भी जरूरी है. किसानों को गेहूं बेचने में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक तो पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से उनकी गेहूं में नमी की मात्रा बढ़ गई. साथ ही सरकार ने भी नमी की मात्रा को तय सीमा से कम कर दिया है जिस वजह से किसान काफी परेशान हैं.
ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ की सेक्टर-39 स्थित मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसानों से बात की. इन किसानों का कहना था कि लॉकडाउन की वजह से पहले ही ये काफी परेशानियों का सामना कर रहे थे. जैसे तैसे हम गेहूं को मंडी तक लेकर आए हैं. अब सरकार ने इनके लिए एक और नई परेशानी खड़ी कर दी है. सरकार ने नमी की तरह मात्रा को कम कर दिया है. जिससे अब इनका गेहूं बिक नहीं पा रहा है.
इन्हें मंडियों में ही अपनी गेहूं को सुखाना पड़ रहा है जिससे मजदूरी का खर्चा अलग से बढ़ गया है. इन किसानों को कहना है कि सरकार ने पहले नमी की मात्रा 14% तय कर रखी थी और तब हम गेहूं को आराम से बेच पाते थे लेकिन इस बार सरकार में नमी की मात्रा को घटाकर 12% कर दिया है. जिस वजह से हम गेहूं को बेच नहीं पा रहे हैं. हमें पहले गेहूं को सुखाना पड़ रहा है. जिससे हमारा काफी समय भी बर्बाद हो रहा है.