चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सुबह करीब 11 बजे ईडी के ऑफिस पहुंचे थे. हालांकि अब तक पूछताछ का ब्यौरा सामने नहीं आया है. पूछताछ के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत करने से इंकार कर दिया.
ये है मामला
27 अगस्त 2004 को तत्कालीन इनेलो सरकार ने गुरुग्राम जिले के गांव मानेसर, नवरंगपुर और लखनौला में 912 एकड़ जमीन पर आईएमटी बनाने के लिए सेक्शन-4 का नोटिस जारी किया था. लेकिन इसके बाद आई तत्कालीन कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने आईएमटी को 25 अगस्त 2005 को रद्द कर सेक्शन-6 का नोटिस जारी कर दिया.
गुरुग्राम के मानेसर लैंड डील स्कैम मामले में ईडी ने पूर्व सीएम हुड्डा से की पूछताछ. ये भी पढ़ें: फेसबुक फ्रेंड से मिलने पाकिस्तान पहुंची रोहतक की सिख युवती, पाक रेंजरों ने भारत को सौंपा
जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा 25 लाख रुपए तय हुआ था. सरकार ने अवार्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी कर दिया लेकिन इससे पहले बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर 400 एकड़ जमीन औने पौने दामों में खरीद ली.
बाद में हुड्डा सरकार ने 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी. माना जाता है कि इससे किसानों को करीबन डेढ़ हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. मानेसर जमीन घोटाले में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा 34 अन्य के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को केस दर्ज किया था.
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इसी मामले को लेकर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व सीएम हुड्डा से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की. इससे पहले 25 जुलाई 2019 को भी ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से करीबन 11 घंटे मानेसर मामले में 150 सवाल पूछे थे.
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