चंडीगढ़:हरियाणा की राजनीति में उभरी जननायक जनता पार्टी ने वो कर दिखाया, जो कई साल पुराने दल नहीं कर सके. महज 10 महीने पहले बनी जननायक जनता पार्टी ने 90 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों पर कब्जा कर लिया. जेजेपी की ये जीत बहुमत के हिसाब से छोटी हो सकती है, लेकिन राजनीतिक तौर जेजेपी ने हरियाणा में अपनी जमीन पक्की कर ली है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश, सत्ता की चाभी अब जेजेपी के पास इनेलो से अलग हुई जेजेपी को पूरा खड़ा करने में दुष्यंत चौटाला ने पूरा दमखम लगा दिया. रणनीतिक तौर पर भी दुष्यंत चौटाला ने बड़ी ही समझ से उम्मीदवारों का चयन किया. दुष्यंत ने सिर्फ ऐसी सीटों पर ही प्रचार किया जहां उन्हें जीत की पक्की उम्मीद दिखी.
जेजेपी ने ये सीटें जीती
- कैथल जिले की गुहला विधानसभा से ईश्वर सिंह जीते
- कुरुक्षेत्र जिले की शाहबाद विधानसभा से राम करन जीते
- चरखी दादरी जिले की बाढड़ा विधानसभा से नैना चौटाला जीतीं
- फतेहाबाद जिले की टोहाना विधानसभा से देवेंद्र सिंह बबली जीते
- हिसार जिले की बरवाला विधानसभा से जोगीराम सिहाग जीते
- हिसार जिले की नारनौंद विधानसभा से राम कुमार गौतम जीते
- हिसार जिले की उकलाना विधानसभा से अनूप धानक जीते
- जींद जिले की जुलाना विधानसभा से अमर जीत ढांड़ा जीते
- जींद जिले की नरवाना विधानसभा से राम निवास जीते
- जींद जिले की उचाना कलां विधानसभा से दुष्यंत चौटाला जीते
अब जेजेपी के 10 सीटें जीतने से ये तो साफ हो गया है कि हरियाणा में दुष्यंत चौटाला के पास ही सरकार बनाने की चाबी है. क्योंकि किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. बहुमत के लिए दुष्यंत का साथ लेना ही पड़ेगा.
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