चंडीगढ़: छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने प्रदेश के छात्रों को करवाई जा रही ऑनलाइन परीक्षा की मांग का समर्थन करते हुए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर को पत्र लिखा हैं. पत्र के जरिये उन्होंने मांग की है कि बिना कोरोना वैक्सीन लगाए छात्रों को एक साथ शैक्षणिक परिसरों में बुलाना सुरक्षित नहीं है. इसलिए प्रदेश के छात्रों को ऑफलाइन परीक्षाओं के साथ-साथ ऑनलाइन परीक्षा देने का भी विकल्प दिया जाए. दिग्विजय ने कहा कि उन्हें प्रदेश के छात्र वर्ग से बड़ी संख्या में पत्र प्राप्त हुए हैं जिनमें छात्रों ने परीक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम से कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इनसो छात्रों की मांग का समर्थन करती है और ऑनलाइन परीक्षा देने का विकल्प प्रदेश के लाखों छात्रों के स्वास्थ्य व शिक्षा के हित में है.
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दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि कोरोना संकट कि वजह से छात्रों की शिक्षा पूरी तरह प्रभावित रही और शैक्षणिक गतिविधियों को पटरी पर लाना जरूरी है. लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि प्रदेश के छात्र पिछले करीब 11 महीने में अपने विश्वविद्यालय व महाविद्यालय परिसर में नहीं गए हैं और कक्षाएं भी ऑनलाइन माध्यम से हुई हैं. ऐसे माहौल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने ऑफलाइन परीक्षाओं की तिथियां भी जारी कर दी है. जिससे प्रदेश के लाखों छात्रों में चिंता का माहौल है. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि शैक्षणिक परिसरों को खोलने की यूजीसी के दिशा निर्देशों में भी चरणबद्ध तरीके से खोलने की सिफारिश की गई है. यदि परीक्षाएं पूरी तरह ऑफलाइन कराई गई तो पूरी संख्या में छात्रों को विश्वविद्यालय व कॉलेजों में बुलाया जाएगा और बिना कोरोना वैक्सीन दिए इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को शैक्षणिक परिसरों में इकट्ठा करना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है.
दिग्विजय ने शिक्षा मंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि छात्रों को परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से देने का भी विकल्प देने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है. इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने पत्र की प्रतियां हरियाणा के महामहिम राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति को भी भेजी हैं. इससे पहले दिग्विजय चौटाला छात्रों को कोरोना वैक्सीन की डोज निशुल्क देने की मांग उठाते रहे हैं. दूसरी तरफ कोरोना के खतरे को देखते हुए हरियाणा में प्राइमरी के छात्रों को अब इस सत्र में स्कूल नही बुलाया जाएगा इसके भी संकेत शिक्षा मंत्री दे चुके हैं.
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