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दीपेंद्र हुड्डा ने खेल नीति पर उठाए सवाल, हरियाणा सरकार पर खिलाड़ियों से भेदभाव का आरोप

राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मनोहर सरकार की खेल नीति पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि खिलाड़ियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी सरकार से भेदभाव छोड़ सभी खिलाड़ियों को एक नज़र से देखने की नसीहत दी.

Deepender Hooda accused BJP of discriminating against players
दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी पर लगाया खिलाड़ियों के साथ भेदभाव का आरोप

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Published : Aug 8, 2020, 1:46 PM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मनोहर सरकार पर भेदभाव के आरोप लगाए हैं. दीपेंद्र हुड्डा ने ट्टवीट करते हुए लिखा कि हुड्डा सरकार की 'पदक लाओ, पद पाओ’ नीति को खट्टर सरकार ने 'भेदभाव नीति' बना दिया है. बजरंग पूनिया जैसे खिलाड़ी आज पद से वंचित हैं.

दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट में कहा कि रेसलर साक्षी मलिक, मंजीत चहल, अमित पंघाल, नीरज चोपड़ा और अमित सरोहा जैसे पदक विजेताओं की अनदेखी हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार भेदभाव छोड़ सभी खिलाड़ियों को एक नज़र से देखें.

दीपेंद्र हुड्डा ने बीजेपी पर लगाया खिलाड़ियों के साथ भेदभाव का आरोप

बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में नियुक्ति दी जाती थी. इसके अलावा ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ी को पांच करोड़, रजत पदक विजेता को 3 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये का नकद इनाम दिया जाता था.

इसी तरह एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप के विजेता खिलाड़ियों को नकद राशि दी जाती थी. कांग्रेस सरकार ने खिलाड़ियों को डीएसपी पद तक सीधी भर्ती देने के लिए खेल नीति में खिलाड़ियों के लिए कोटे की शुरुआत की थी. खेल कोटे से पुरानी नीति के तहत कुल 494 खिलाड़ियों को नौकरी दी गईं. इनमें से 18 खिलाड़ी डीएसपी लगे.

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वहीं मनोहर सरकार में खेल नीति में कुछ बदलाव किए गए. जिसके बाद खिलाड़ियों में भी नाराजगी देखी गई. कुछ खिलाड़ियों तो नई खेल नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करते दिखाई दिए. वहीं अब कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने मनोहर सरकार की खेल नीति पर सवाल खड़े किए हैं. दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि सरकार खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है.

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