चंडीगढ़:दुनिया में वक्त-वक्त पर महामारी ने इंसान को परेशान किया है. साल 2020 भी ऐसा ही साल बनकर विश्व के सामने आया. जहां एक वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया. आबादी के लिहाज से दुनिया का दूसरा सबसे मुल्क भारत भी इसकी जद में आ गया. हालात यहां तक बिगड़ गए कि देश में करीब दो महीने तक लॉकडाउन लगाना पड़ गया.
कोरोना काल में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते साल 2020 में हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई. कोरोना काल में लगभग सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में ओपीडी पूरी तरह से बंद करनी पड़ी. इस दौरान सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखा गया. अस्पतालों में तमाम ऑपरेशन और गैर जरूरी सर्जरी को टाल दिया गया. कई अस्पतालों को स्पेशल कोविड केयर सेंटर घोषित किया गया.
कोरोना वॉरियर्स पर बढ़ा विश्वास
कोरोना काल में पहली बार समझ में आया कि अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं देश के लिए कितने अहम हैं. साल 2020 में देश का विश्वास कोरोना वॉरियर्स पर भी बढ़ा. कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स पर भरोसा करना भी सिखा गया...पुलिस सड़कों पर और डॉक्टर्स अस्पताल में कोरोना के खिलाफ कवच बनकर हमारी सुरक्षा करते रहे...इस दौरान कॉरोना वॉरियर्स हमारे लिए कई-कई दिन अपने घर-परिवार से दूर रहे....तो कई ऐसे भी कोरोना वॉरियर्स थे, जिन्होंने हमारे लिए अपना जीवन तक लोक भलाई के लिए दांव पर लगा दिया...
हरियाणा में कोरोना का कहर
देश में कोरोना के केस बढ़े तो हरियाणा भी पीछे नहीं रहा. दिल्ली के साथ लगते इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही ये पूरे प्रदेश में फैल गया है. आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में अब तक कोरोना के 39 लाख से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं. जिसमें से 36 लाख से ज्यादा सैंपल नेगेटिव पाए गए. जबकि अब तक करीब 2 लाख 49 हजार से ज्यादा सैंपल पॉजिटिव पाए गए.