चंडीगढ़: याचिका में कहा गया है कि बीसीसीआई ने गलत तरीके से मौजूदा यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दी है. छाबड़ा ने जब इस बात का विरोध जताया तो बीसीसीआई ने उन्हें अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया इसलिए उन्होंने बीसीसीआई के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की.
उनकी याचिका पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बीसीसीआई के सीईओ, पूर्व भारतीय क्रिकेटर व बोर्ड के एफिलिएटेड मेंबर सबा करीम और अंशुमन गायकवाड़ को नोटिस भेज दिया है. अब इन्हें 11 फरवरी 2020 तक कोर्ट में अपना जवाब देना होगा.
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने बीसीसीआई के खिलाफ लगाई याचिका. ये भी पढ़ेंः पानीपत में अतिक्रमण का 'आतंक', 80 से 30 फुट पर सिमटी लंबी चौड़ी सड़कें
प्रदीप छाबड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन और एसोसिएशन के मेंबर सुभाष महाजन ने मिलकर ये सारा खेल खेला. उन्होंने गलत तरीके से छाबड़ा को अध्यक्ष पद से हटा दिया और टंडन खुद एसोसिएशन पर अपना कब्जा जमा कर बैठ गए.
उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि बोर्ड और उनके एफिलिएटेड मेंबर्स को ये आदेश जारी किए जाएं कि वे उन्हें अपनी बात रखने के लिए पर्सनल हियरिंग का मौका दें. इसके अलावा उन्होंने गैरकानूनी तरीके से बनाई गई यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को भंग करने की भी मांग की है.
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि एसोसिएशन के गठन में जमकर धांधली बरती गई. संजय टंडन और सुभाष महाजन ने अपने रिश्तेदारों और जानकारों का एसोसिएशन का सदस्य बना दिया. छाबड़ा के आरोपों के बाद अब देखना होगा कि बीसीसीआई की ओर से कोर्ट में क्या जवाब दिया जाता है और बीसीसीआई अपने स्तर पर क्या कार्रवाई करती है.
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