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करनाल सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला, सीएम खट्टर की घेराबंदी के लिए बनी खास रणनीति - competition on karnal assembly seat

हरियाणा के सियासी घमासान में करनाल एक अहम सीट मानी जाती है और सभी पार्टियां इस सीट पर जीत हासिल करना चाहती हैं. तभी तो पार्टियों ने ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जो सीएम खट्टर को कड़ी टक्कर दे सके.

करनाल विधानसभा सीट पर सियासी घमासान

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Published : Oct 4, 2019, 9:15 AM IST

चंडीगढ़:हरियाणा में सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए हैं. अब उम्मीदवार सियासी गुणा-भाग में जुटे हैं कि कैसे सत्ता पर काबिज हों. हरियाणा के सियासी घमासान में करनाल एक अहम सीट मानी जाती है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विधानसभा क्षेत्र होने के नाते ये सीट और भी खास है.

करनाल विधानसभा सीट पर कड़ी टक्कर
इस विधानसभा चुनाव में करनाल सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. इस सीट पर सीएम मनोहर लाल को मात देने के लिए सभी पार्टियों ने चुन-चुन कर प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं.

पार्टियों ने इन प्रत्याशियों को उतारा मैदान में
जेजेपी ने वाराणसी सीट पर पीएम मोदी को टक्कर देने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर को करनाल विधानसभा सीट से टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस सीट से सरदार त्रिलोचन सिंह को टिकट दिया है.

कौन हैं तेज बहादुर यादव?
तेज बहादुर यादव दक्षिण हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के एक गांव रताकलां से हैं, लेकिन उनका परिवार वर्तमान में रेवाड़ी में रहता है. वो पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. बता दें कि यादव को 2017 में उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने सुरक्षा बलों के भोजन की गुणवत्ता के बारे में एक वीडियो बनाया था. साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से पर्चा दाखिल किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने उसे खारिज कर दिया था.

कौन है सरदार त्रिलोचन सिंह?
त्रिलोचन सिंह अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन हैं. वह 1982 में राजनीति में आए. इसके बाद से लगातार कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं.

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