चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा सहित उत्तरी क्षेत्र के कई राज्यों में लावारिस शव लोगों के लिए संजीवनी साबित होंगे. हाईकोर्ट के आदेश पर यूटी प्रशासन ने अंगों के प्रत्यारोपण के लिए 9 डाक्टर्स की कमेटी गठित कर दी है.
लावारिस लाशों पर शोध
पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लावारिस लाशों को जलाने की जगह पर उनका इस्तेमाल कई प्रकार के शोध कार्यों और जरूरतमंद लोगों के अंगों और टिशू ट्रांसप्लांट के लिए किया जा सकता है.
जनहित के लिए किया जाए काम
हाई कोर्ट ने कहा था कि लावारिस लाशों से टिशू और अंगों को ट्रांसप्लांट करने की पॉलिसी अगर तैयार हो जाए तो यह बड़े स्तर पर जनहित में होगा.
डॉक्टरों की टीम का गठन
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने इस विषय पर पीजीआई से संपर्क किया था. पीजीआई निदेशक ने इसके लिए 9 डॉक्टर्स की टीम गठित की है.
ये हैं कमेटी के सदस्य
सर्जरी विभाग के एक्सपर्ट प्रो.आशीष शर्मा
- हेपाटोलॉजी विभाग के एक्सपर्ट प्रो.आर.के.धीमान
- पल्मनरी विभाग के एक्सपर्ट प्रो. आशुतोष अग्रवाल
- नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रो.एचएस कोहली
- जनरल सर्जरी विभाग के प्रो.अरानांशु बेहेरा
- कार्डियोलॉजी विभाग के प्रो.अजय बहल
- एनेस्थिसिया विभाग की प्रो.काजल जैन
- ऑपथॉलमोलॉजी विभाग के प्रो.अमित गुप्ता
- अस्पताल प्रबंधन विभाग के प्रो.विपिन कौशल शामिल होंगे