चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को युवा उद्यमियों को हरियाणा में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के तहत अपनी इकाइयों स्थापित करने के लिए सभी समर्थन और सहयोग की पेशकश की. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के 56 समूहों की पहचान की है जो कि राज्य के सभी 22 जिलों में स्थापित की जाएंगी, जिससे राज्य के लगभग 70,000 एमएसएमई लाभान्वित होंगे.
सीएम ने एमएसएमई उद्योगों और लाभार्थिंयों से की बात
उन्होंने कहा कि सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी कि राज्य में मौजूदा एमएसएमई का कामकाज कोविड-19 के कारण प्रभावित न हो. मुख्यमंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों के प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थिंयों और सभी जिलों के जिला उद्योग विकास केन्द्रों के महाप्रबधंकों के साथ बातचीत कर रहे थे. कोविड-19 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब राज्य में औद्योगिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं और प्रदेश की 56,000 औद्योगिक इकाइयों में 38.13 लाख कामगार काम पर लौटे हैं. इसी प्रकार, जीएसटी व राजस्व संग्रहण भी लगभग जून, 2019 के संग्रहण के बराबर पहुंच गया है. औद्योगिक क्षेत्र में 80 प्रतिशत बिजली की खपत हो रही है जो यह दर्शाती है कि लगभग पूरा उद्योग कोविड से पहले की सामान्य स्थिति में पहुंच गया है.
युवाओं को एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने के लिए किया प्रेरित
भारत का युवा देश के रूप में उल्लेख करते हुए उन्होंने राज्य के युवाओं को कम से कम समय में सभी आवश्यक मंजूरियों का आश्वासन देते हुए राज्य में एमएसएमई इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि 17 विभिन्न विभागों से संबंधित ऑनलाइन क्लीयरेंस केवल 45 दिनों में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के माध्यम से प्रदान की जाती है. इसके अलावा, उद्यमियों के लाभ के लिए डीम्ड क्लीयरेंस की सुविधा भी दी गई है. उन्होंने कहा कि एमएसएमई न केवल देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं बल्कि युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार भी प्रदान करते हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एमएसएमई के साथ बातचीत की. नौकरी तलाशने के बजाय नौकरी देने वाले बनें युवा
मुख्यमंत्री ने युवाओं को राज्य में स्टार्ट-अप और स्टैंडअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कहा. उन्होंने युवाओं को एमएसएमई क्षेत्र में उद्यम के माध्यम से नौकरी तलाशने के बजाय नौकरी देने वाले बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि हरियाणा ने स्टार्ट-अप और स्टैंडअप पंजीकरण के मामले में भारी प्रगति की है, क्योंकि 4194 स्टार्ट-अप और 4119 स्टैंडअप सहित राज्य में 8000 से अधिक पंजीकरण किए गए हैं, जो पड़ोसी राज्य पंजाब में किए गए पंजीकरण की तुलना में बहुत अधिक है. इसके अलावा, राज्य में स्टैंडअप के लिए 868 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया है.
सीएम ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगों के उद्यमियों से आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा उद्योग एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के पंजीकरण के लिए आरंभ किए गए ‘हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम’ (एचयूएम) पर पंजीकरण करवाएं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में सहयोग दें. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पंजीकृत सभी प्रकार के उद्यमों को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम (एचयूएम) पोर्टल शुरू किया गया है. ये सभी उद्यमों- दुकानों, एमएसएमई, बड़े और मेगा उद्योगों को एक विशिष्ट पहचान संख्या नंबर प्रदान करेगा ताकि सरकार से अनुमति और सेवाओं को एकीकृत तरीके से प्रदान किया जा सके. भविष्य में किसी भी वाणिज्यिक या औद्योगिक नीति का लाभ एचयूएम नंबर के आधार पर दिया जाएगा.
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मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को मुद्रा योजना (शिशु श्रेणी) के तहत 50,000 रुपये के ऋण का अधिकतम लाभ उठाने के लिए भी प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को 5 प्रतिशत के मामूली ब्याज पर ऋण प्रदान किया जाएगा और इस योजना के तहत पांच लाख लोगों को कवर किया जाएगा. राज्य सरकार ने एमएसएमई के पुनरुद्धार के लिए भी योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रति कर्मी 20,000 रुपये के ऋण पर, राज्य सरकार द्वारा 6 महीने के लिए 8 प्रतिशत के ब्याज का भुगतान किया जाएगा.