हरियाणा

haryana

ETV Bharat / city

सीएम की अध्यक्षता में हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक, 450 करोड़ से अधिक की खरीद को मंजूरी

शुक्रवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाई पावर परचेज कमेटी (Haryana High Power Purchase Committee) की बैठक ली. इस बैठक के दौरान कई विभागों के लिए सामानों की खरीद को मंजूरी दी गई.

Haryana High Power Purchase Committee meeting
Haryana High Power Purchase Committee meeting

By

Published : May 13, 2022, 8:54 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति की बैठक चंडीगढ़ में हुई. इस बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा की जाने वाली 450 करोड़ रुपये से अधिक के सामान और वस्तुओं की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई.

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मीटिंग में सिंचाई एवं जल संसाधन, नागरिक उड्डयन, हरियाणा रोडवेज इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, हरेडा तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और मुद्रण एवं स्टेशनरी सहित आठ विभागों के कुल 17 एजेंडे रखे गए थे. इनमें से 14 एजेंडे को मंजूरी दी गई.

सीएम की अध्यक्षता में हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक, 450 करोड़ से अधिक की खरीद को मंजूरी

बिजली की समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में बिजली की स्तिथि में सुधार है. पिछले दो दिनों में प्रदेश में बिजली का एक भी कट नहीं लगा है. जल्द ही राज्य सरकार को भाखड़ा पावर प्लांट से भी अतिरिक्त बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी. पंचायत चुनाव के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अब चुनाव आयोग को इस पर अंतिम फैसला लेना है कि चुनाव कब कराने हैं.

हाई पावर परचेज कमेटी क्या है-हरियाणा हाई पावर परचेज कमेटी (HPPC) का गठन सरकार के अलग-अलग विभागों के लिए विशेष खरीद को मंजूरी देने के लिए किया गया है. हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त खरीद समिति (एचपीपीसी) का 2019 में पुनर्गठन किया था. समिति के अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री की यह नियुक्ति कई वर्षों बाद हुई थी. आखिरी बार 2000-2005 के दौरान ओम प्रकाश चौटाला थे इस कमेटी के अध्यक्ष थे. HPPC को 1 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के लिए खरीदारी करना अनिवार्य है. हलांकि अलग-अलग विभागों के लिए बनीं विशेष खरीद समितियां केवल 5 लाख रुपये तक की खरीद को अंतिम रूप दे सकती हैं. हालांकि, सिंचाई विभाग के मामले में इसकी सीमा ढाई लाख रूपये बढ़ाई जा सकती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details