चंडीगढ़:नया साल 2022 का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि नया साल का पहला दिन किसी जश्न से कम नहीं होता और सोने पर सुहागा वाली बात ये है कि इस बार नया साल वीकेंड पर आ रहा है. ऐसे में आप अगर अपने परिवार के साथ नए साल पर घूमने जा रहे हैं तो चंडीगड़ की सुखना लेक (chandigarh sukhna lake) ऐसी जगह है जहां जा कर आपके मुंह से बस दो शब्द निकलेंगे...अद्भुत और अल्पनीय. सामने हिमालय की पहाड़ियां और उसकी तलहटी में साफ पानी से भरी एक झील और झील में तैरती कश्तियां.
ये एक ऐसा नजारा है जो किसी भी इंसान के मन को तुरंत मोह लेगा और इंसान बैठकर इसे निहारता रहेगा. लोग इसी नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से यहां पहुंचते हैं और इस प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हैं. सुखना लेक हिमालय की शिवालिक की पहाड़ियों की तलहटी में बनी एक प्राकृतिक झील है. जिसके तीन और घने जंगल हैं जबकि एक तरफ सैलानियों के घूमने के लिए ट्रेक बनाया गया है. किसी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए हर साल यहां लाखों सैलानी पहुंचते हैं.
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ये झील पहले सुखना चोअ के नाम से जानी जाती थी. साल 1958 में 3 किलोमीटर की इस चोअ को बांधकर झील बना दी गई. उस वक्त ये झील पूरी तरह से बरसाती पानी पर निर्भर थी, लेकिन बरसाती पानी के साथ-साथ यहां पर गाद भर जाती थी. जिसे रोकने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने साल 1974 में करीब 25 किलोमीटर के इलाके में जंगल लगाया और झील में गिरने वाले पानी के रास्ते को भी मोड़ दिया. इसके अलावा झील में पानी लाने के लिए अन्य विकल्प भी शुरू किए गए.
इसके बाद से ये झील चंडीगढ़ का मुख्य पर्यटक स्थल बन गई. यहां पर आने वाले पर्यटकों को यहां का सुंदर दृश्य देखकर बेहद अच्छा लगता है. इसके अलावा यहां पर बच्चों के लिए एक एम्यूजमेंट पार्क बनाया गया है जहां पर तरह-तरह के झूले लगाए गए हैं. साथ ही लोग यहां पर वोटिंग का आनंद लेते हैं. यहां तक कि यहां पर डल झील की तर्ज पर शिकारा भी चलाया जाता है. इसके अलावा लोगों के खाने-पीने के लिए एक फूड कोर्ट भी बनाया गया है.