चंडीगढ़:चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी (Chandigarh Panjab University) को जल्द ही केंद्रीय विश्वविद्यालय यानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल सकता है. जिसको लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से केंद्र सरकार से जवाब मांगे गये हैं. हाईकोर्ट के इन निर्देशों में केंद्र सरकार को कहा गया है कि पंजाब यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जादेने पर विचार करे और 30 अगस्त से पहले अपना जवाब हाईकोर्ट में दाखिल करे.
यह मामला तब शुरू हुआ जब पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर संगीता भल्ला ने विश्विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों की रिटायरमेंट का मुद्दा हाईकोर्ट में उठाया. इस बारे में जानकारी देते हुए प्रोफेसर संगीता भल्ला के वकील समीर सचदेवा ने बताया कि चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल्स (Central Service Rules in Chandiga) 29 मार्च 2022 को लागू किये जा चुके हैं. जिसके अनुसार चंडीगढ़ के अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ सरकारी कॉलेजों के अध्यापकों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल तय कर दी गई. लेकिन यूजीसी के अधीन आने वाली पंजाब यूनिवर्सिटी के अध्यापकों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल ही रही. ऐसे में एक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है जबकि उसी शहर में सरकारी कॉलेजों की अध्यापकों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल. इसी मुद्दे को प्रोफेसर संगीता भल्ला ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में उठाया था.
इसी मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने केंद्र सरकार के लिए 8 पेज के निर्देश जारी किये हैं. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दे. ताकि इस तरह के असमंजस को खत्म किया जा सके. साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि उन्हें ऐसा कोई कारण दिखाई नहीं देता कि पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा न दिया जाए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि संबंधित मंत्रालय 30 अगस्त तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल कराए.