चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक मामले में स्पष्ट किया है कि बाल आरोपी जुवेनाइल गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत दिए जाने की मांग कर सकता है. इससे पहले हाई कोर्ट ने कुछ मामलों में कहा था कि जुवेनाइल अग्रिम जमानत दिए जाने की मांग नहीं कर सकता और ऐसी याचिकाएं सुनवाई के योग्य नहीं है.
जस्टिस एचएस मदान ने ऐसे ही एक मामले में अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि बाल आरोपी को अधिकार है कि वो गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की मांग करे. हाई कोर्ट ने बाल आरोपी को इन्वेस्टिगेशन जॉइन करने और पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया और साथ कि कहा कि वो जांच में सहयोग करें.
मारपीट के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए दाखिल अग्रिम जमानत याचिका में कहा गया कि इस मामले में उसकी मां को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जा चुका है. मां के जरिए दाखिल की गई जमानत याचिका में मांग की गई कि उसे भी अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. दोनों पक्षों ने एक दुसरे की पुलिस शिकायत की पुलिस में दी. शिकायत के मुताबिक बाल आरोपी ने शिकायतकर्ता पर लाठी से वार किया. मारपीट के मामले में शिकायतकर्ता पर भी आरोपी पक्ष ने जबरन खेतों में घुस आने और झगड़ा करने को शिकायत की थी. मामला ऐलनाबाद के गांव तलवाड़ा खुर्द का है. पुलिस ने इस मामले में दोंनो पक्षों पर क्रोस एफआईआर दर्ज की थी.
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