चंडीगढ़:देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है. कोरोना देश में लाखों लोगों की जान ले चुका है. लेकिन जो लोग कोरोना से ठीक हो रहे हैं, उन्हें ब्लैक फंगस नाम की बीमारी अपनी चपेट में ले रही है और यह बीमारी कोरोना से भी ज्यादा घातक है. इस बीमारी को लेकर हमने चंडीगढ़ पीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. अरुणालोक चक्रवर्ती से बात की.
ब्लैक फंगस क्या है और यह कोरोना मरीजों को अपनी चपेट में क्यों ले रहा है?
डॉक्टर चक्रवर्ती ने बताया कि इस बीमारी का नाम ब्लैक फंगस नहीं है. ब्लैक फंगस एक अलग ग्रुप है. इस बीमारी का सही नाम मयूकरमाइकोसिस है. यह बीमारी कोरोना के मरीजों को अपनी चपेट में ले रही है, लेकिन ऐसा नहीं है कि ये बीमारी पहली बार भारत में आई है. पहले भी इस बीमारी के मरीज सामने आते रहे हैं. यह बीमारी ज्यादातर उन मरीजों को होती है. जो डायबिटीज से पीड़ित हैं. कोरोना भी उन लोगों को आसानी से चपेट में ले लेता है, जिन लोगों को डायबिटीज है.
इसके अलावा जब कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा होता है तो डॉक्टर उन्हें स्टेरॉयड देते हैं क्योंकि स्टेरॉयड कोरोना के इलाज में काफी कारगर साबित हो रहे हैं. लेकिन ज्यादा स्टेरॉयड लेने से मरीज के ब्लड में ग्लूकोज़ की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है. जिससे ये बीमारी पैदा होती है. अगर किसी मरीज को चेहरे में एक तरफ दर्द महसूस हो, दांत में दर्द हो, आंखों से धुंधला दिखाई देना शुरू हो, या दो चीजें दिखाई दे रही हो, या नाक बार-बार बंद हो रही हो तो व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
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क्या ऑक्सीजन से फैलता है म्यूकरमायइकोसिस?
डॉक्टर चक्रवर्ती ने बताया कि लोगों में यह भ्रम भी फैल रहा है कि यह बीमारी ऑक्सीजन लेने से भी फैलती है. जबकि यह सही नहीं है क्योंकि म्यूकर पर्यावरण में भी मौजूद है और सांस के माध्यम से हमारे शरीर में जाता है. लेकिन इससे यह बीमारी नहीं फैलती. यह बीमारी मुख्यत स्टेरॉयड की वजह से फैलती है.
क्या स्टेरॉयड को लेकर कोई गाइडलाइन जारी की गई है?
डॉ. चक्रवर्ती के मुताबिक स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर आईसीएमआर की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय भी जल्द इसको लेकर गाइडलाइन जारी करने वाला है, ताकि मरीजों को स्टेरॉयड सही मात्रा में दी जाए और उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सके.