चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल अभी जन आशीर्वाद यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान बीजेपी हाईकमान ने केंद्रीय मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई है. बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा फिर मनोहर लाल को लेकर राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि मनोहर लाल को ही सीएम बनाना भारतीय जनता पार्टी का सटीक फैसला बन सकता है.
वहीं 5 साल पहले जिस मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में कोई बड़े राजनीतिक चेहरे के रूप में नहीं जानता था. आज स्थिति ये है कि मनोहर लाल खट्टर एक मंझे हुए राजनेता की तरह 5 साल की एक पारी पूरी करके अगले 5 साल के लिए हरियाणा में बहुमत मांगने निकल पड़े हैं. आईए नजर डालते हैं उनके इस सफर पर-
हरियाणा में 2014 विधानसभा चुनाव में सीएम मनोहर लाल करनाल से महज एक उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे. आज वही मनोहर लाल खट्टर हरियाणा बीजेपी की धुरी बन गए हैं जिनकी ईमानदार छवि का फायदा बीजेपी फिर 2019 के विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है.
हरियाणा में चली 5 साल की बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार का कोई बड़ा मामला सामने नहीं आने, ग्रुप डी की सरकारी नौकरियां पारदर्शी तरीके से देने, ऐसे कई कारण हैं जो फिर मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की रेस में आगे रखते हैं. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगम चुनाव में क्लीन स्वीप करने और लोकसभा चुनाव में भी क्लीन स्वीप करके मनोहर लाल ने दिखा दिया है कि उनके कामों के साथ जनता खड़ी है. फिलहाल हरियाणा बीजेपी में मनोहर लाल का कोई सानी नजर नहीं आता.
मनोहर लाल के खास स्ट्रोक
हरियाणा के राजनीतिक विशेषज्ञ भी मानते हैं कि लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में 10 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद मनोहर लाल का कोई विकल्प नहीं है. राजनीतिक विशेषज्ञ प्रोफेसर गुरमीत सिंह मानते है कि पहले जिस तरह की अटकलें मुख्यमंत्री को बदलने को लेकर रहती थी उसके दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने अपनी इमेज को सुधारते हुए बीजेपी को मजबूत किया है.
भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में गैर-जाट को आगे रखने का मैसेज देना चाहती है. मनोहर लाल गैर-जाट समाज आते हैं जबकि हरियाणा में गैर-जाट को लगता है कि उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिलता. ये सभी बातें मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पक्ष में जाती हैं इसलिए मनोहर लाल को आगे करके बीजेपी चुनाव लड़ना चाहती है. लोकसभा, निगम और जींद उपचुनाव मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व का एक उदाहरण माना जा सकता है.