दिल्ली/चंडीगढ़ः NRC पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी का समर्थन किया है. दरअसल उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के उस बयान से सहमति जताई है जिसमें उन्होंने हरियाणा में भी NRC लागू करने की बात कही थी.
मुख्यमंत्री ने क्या कहा था ?
दरअसल मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंचकूला में कहा था कि हम भी प्रदेश में एनआरसी लागू करना चाहते हैं. ताकि जो लोग विदेशी हैं उनकी पहचान करके देश से बाहर किया जा सके.
NRC पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्यों किया सरकार का समर्थन, जानिए पीछे की कहानी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने क्या कहा ?
दिल्ली में गुलाम नबी आजाद अशोक अरोड़ा को कांग्रेस में शामिल कराने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे तब पत्रकारों ने गुलाम नबी आजाद से एनआरसी को लेकर सवाल पूछा लेकिन उन्होंने जवाब न देकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरफ माइक बढ़ाते हुए कहा कि उसका जवाब ये देंगे. जिसके बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जो लोग विदेशी हैं उन्हें देश के बाहर जाना ही होगा. ये सरकार का काम है कि विदेशियों की पहचान करे और उन्हें देश से बाहर का रास्ता दिखाए.
हुड्डा के समर्थन के मायने क्या हैं ?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा इससे पहले धारा 370 हटाने को लेकर भी बीजेपी सरकार का समर्थन कर चुके हैं और उसे लेकर गुलाम नबी आजाद से भिड़ चुके हैं. लेकिन वो ऐसा क्यों कर रहे हैं क्यों इन मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का रुख अलग है. तो राजनीतिक पंडित इस पर मानते हैं कि कांग्रेस ऐसे मुद्दों पर सरकार का विरोध करके काफी मुकसान उठा चुकी है या यूं कहें कि उसे कोई फायदा नहीं मिला है. इसीलिए कांग्रेस अब दबी आवाज में अपने क्षेत्रीय नेताओं के सहारे इन मुद्दों पर सरकार का समर्थन कर रही है खासकर उन राज्यों में जहां जल्द ही चुनाव होने वाले हैं.
क्या ये कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति है ?
दरअसल 370 पर जब कई दिनों तक कांग्रेस का रुख साफ नहीं हुआ तो कांग्रेस के ही कई नेताओं ने आवाज उठाई और कांग्रेस को लगा कि ऐसे मुद्दों पर सरकार का विरोध करके उनको फायदे से ज्यादा नुकसान हो रहा है. इसीलिए कांग्रेस अब क्षेत्रीय नेताओं के सहारे अपनी छवि बदलने की कोशिश में लगी है.
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एनआरसी क्या है ?
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस इसी को शॉर्ट में एनआरसी लिखा जाता है. इस रजिस्टर में जिन लोगों का नाम होता है उन्हें भारत का वैध नागरिक माना जाता है. फिलहाल ये रजिस्टर सिर्फ असम ने तैयार किया है जिस पर काफी विवाद हुआ है.