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बरोदा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, पूर्व सीएम हुड्डा ने लगाई विधायकों की ड्यूटी

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Published : Jul 21, 2020, 7:45 PM IST

बरोदा उपचुनाव को लेकर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. एक तरफ जहां बीजेपी ने विधायक दल की बैठक की है तो वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायकों की बैठक लेकर बरोदा उपचुनाव को लेकर रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. वहीं इस दौरान उन्होंने मौजूदा सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.

hooda meeting congress
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चंडीगढ़: कांग्रेस ने बरोदा उपचुनाव के लिए कमर कस ली है. मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी विधायकों से उपचुनाव को लेकर मंथन किया और उनकी ड्यूटी लगाई. इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि उपचुनाव सरकार के झांसों और हवा-हवाई बातों पर नहीं, आमजन से जुड़े मुद्दों पर होगा. चुनाव में जनता बीजेपी से उसकी किसान विरोधी नीतियों, लगातार बढ़ती बेरोजगारी और बढ़ते अपराध का हिसाब मांगेगी.

'कांग्रेस राज में हुए थे ज्यादा काम'

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के पास बरोदा में गिनवाने के लिए कोई काम नहीं है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान यहां जमकर विकास कार्य हुए थे. हलके की बात की जाए तो कांग्रेस सरकार में देश की पहली महिला यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज की स्थापना यहां की गई. बिजली सप्लाई और सिंचाई की पूरी व्यवस्था की गई. सोनीपत जिले को शिक्षा का हब बनाया गया. गोहाना, जींद, सोनीपत रेलवे लाइन बनाई. इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार में रेल कोच फैक्ट्री को भी मंजूरी मिल गई थी. इससे इलाके के हजारों युवाओं को रोजगार मिलता, लेकिन बीजेपी सरकार ने उस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया.

'बीजेपी ने सत्ता में आते ही कल्याणकारी योजनाएं रोकी'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आते ही तमाम कल्याणकारी योजनाओं पर रोक लगा दी. कांग्रेस सरकार ने किसी किसान की मौत होने पर परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने की शुरुआत की थी. इतना ही नहीं किसान की गाय या बकरी की मौत पर 20 हजार व भैंस की मौत पर 50 हजार मुआवजा दिया जाता था, लेकिन बीजेपी सरकार ने ऐसी किसी भी कल्याणकारी योजना शुरू नहीं की. इसलिए बरोदावासी जानते हैं कि बीजेपी-जेजेपी सरकार प्रदेश की जनता के दिलों से पहले ही गिर चुकी है और हकीकत में भी ये सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है. आने वाला समय कांग्रेस का है इसलिए गठबंधन के लिए उपचुनाव में जमानत बचा पाना भी मुश्किल होगा.

सुनिए पूर्व मुख्यमंत्री व नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बयान.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की सरकार लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही हैं. इसी कड़ी में 3 नए कृषि अध्यादेश जारी किए गए हैं. इन अध्यादेशों में कहीं भी किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी गई. लगता है कि सरकार सिर्फ प्राइवेट एजेंसियों और औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है इसीलिए प्रदेश का किसान सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहा है. सरकार को किसान हित में या तो इन आध्यादेशों में बदलाव करने चाहिए या इन्हें वापस ले लेना चाहिए. वहीं गेहूं ही नहीं गन्ने की पेमेंट को लेकर भी किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं. अब तक प्रदेश के कई हिस्सों में गन्ना किसानों की पेमेंट नहीं हुई है.

'बरोदा उपचुनाव में जनता सिखाएगी सरकार को सबक'

हुड्डा ने कहा कि किसान ही नहीं, मौजूदा सरकार से हर वर्ग परेशान है. सरकार कच्चे और पक्के कर्मचारियों को नौकरी से हटा रही है. नौकरियां खत्म की जा रही हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. इसी का नतीजा है कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ भी लगातार ऊपर की तरफ जा रहा है. हत्या, लूट, डकैती जैसी वारदातें अब हरियाणावासियों की दिनचर्या का हिस्सा बन गई हैं. बरोदा उपचुनाव में बीजेपी सरकार की इन तमाम नाकामियों और कारगुजारियों को कांग्रेस जनता के बीच लेकर जाएगी और निश्चित ही जनता सरकार को सबक सिखाएगी.

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