चंडीगढ़: दिव्यांग दिवस के अवसर पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने पंडित चिंरजीलाल राजकीय महाविद्यालय करनाल में उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित किये गए अष्टावक्र केंद्र का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए तैयार की गई ब्रेल लिपि की मासिक पत्रिका ‘स्पर्श’ के विमोचन के साथ ही मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट www.ashtavakrakendra.highereduhry.com ‘अष्टावक्र केंद्र’ का भी शुभारम्भ किया. शिक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम को जगाधरी स्थित अपने कैम्प ऑफिस से संबोधित किया.
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शिक्षामंत्री कंवरपाल ने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस बात पर जोर देती है कि शैक्षिक प्रणाली में दिव्यांग बच्चों को भी समान भागीदारी के सुअवसर प्राप्त हों. इसके लिए हरियाणा सरकार और उच्चतर शिक्षा विभाग लगातार कार्य कर रहा है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि समावेशी शिक्षा को शिक्षा की एक प्रणाली के रूप में परिभाषित किया गया है. जहां दिव्यांग व अन्य सभी छात्र बिना किसी भेदभाव के साथ-साथ सीखें. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार सदैव विशेष आवश्यकताओं वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा में समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. विशेष आवश्यकताओं वाले लोगों, हाशिए पर पड़े वर्गों और लड़कियों को मुख्यधारा में लाना प्रदेश सरकार का प्रमुख उद्देश्य है.
उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंकुर गुप्ता ने कार्यक्रम में मुख्यातिथि का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि केवल 9 प्रतिशत दिव्यांग विद्यार्थी ही माध्यमिक शिक्षा पूरी कर पाते हैं. लगभग 45 प्रतिशत दिव्यांग अनपढ़ हैं और तीन से 35 वर्ष आयु के केवल 62.9 प्रतिशत दिव्यांगजन स्कूलों में नियमित शिक्षा प्राप्त कर पाते हैं.
कार्यक्रम में महानिदेशक अजीत बालाजी जोशी ने कहा कि उच्चतर शिक्षा विभाग दिव्यांग विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए लगातार प्रयासरत है. विभिन्न पाठ्यक्रमों में अब तक विशिष्ट दिव्यांग श्रेणी में लगभग 223 विद्यार्थियों को नामांकित किया गया है.