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अलविदा 2020: वो साल जिसने रहन-सहन और रीति रिवाज सब बदल दिया - 2020 में हरियाणा

2020 आने वाले वक्त में हमेशा कई तरह के बुरे अनुभवों के लिए याद किया जाएगा. सदियों तक इस साल को लोग कभी ना भूलने वाली परेशानी के रूप में याद रखेंगे.

Corona impact Haryana
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Published : Dec 24, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Dec 24, 2020, 12:30 PM IST

चंडीगढ़ः भविष्य में जब वर्तमान का इतिहास लिखा जाएगा तो हमारी आने वाली पीढ़ियां जनेंगी कि सन 2020 में कैसे पूरी मानव जाति को एक बीमारी ने इतना असहाय कर दिया था कि लोग घरों में बंद हो गए थे. पूरा जीवन चक्र रुक गया था. बसों के पहिए थम गए थे. रेलवे स्टेशन सुनसान हो गए थे, हवाई जहाज जमीन खड़े रहे थे.

2020 में संसद, सड़क सब खाली थे

ऑफिसों में काम होना बंद हो गया. संसद से लेकर सड़क तक सब खाली थे. हरियाणा अपनी बैठकों और उन पर हुक्के की गुड़गुड़ाहट के साथ होने वाली चर्चा के लिए जाना जाता है. लेकिन 2020 में कोरोना ने वो सब रोक दिया. हालात ऐसे हो गए थे कि अपने घरों से बाहर नौकरी करने वाले भी वापस लौट गए और दो जून की रोटी कमाने के लिए हजारों किमी का सफर करने वाले मजदूर भी जैसे-तैसे अपने घरों तक जा पहुंचे.

इस तरह इतिहास के लिए कभी न भूलने वाला साल बन गया 2020

हरियाणा में शुरू हुई डंगवारा प्रथा

ये वक्त गेहूं कटाई का था और मजदूर मिल नहीं रहे थे तो लोगों ने वर्षों पुरानी एक प्रथा को दोबारा शुरू किया. जिसे डंगवारा कहा जाता है. इसमें पड़ोसी काम में एक दूसरे की मदद करते हैं. किसानों ने भी यही किया और एक-दूसरे की फसल कटवाई.

लॉकडाउन में बंद पड़ी मार्केट

2020 में लोगों ने खूब चलाई साइकिल

एक वक्त आसानी और वक्त की बचत को तरजीह देने वाले लोग 2020 में कोरोना की वजह से इम्युनिटी बढ़ाने के लिए साइकिल पर आ गए और अचानक साइकिल की बिक्री बढ़ गई. इसके अलावा विटामिन की गोलियों की बिक्री भी बढ़ी. इतना ही नहीं लोगों ने योग से इम्युनिटी बढ़ाने की भी कोशिश की.

सूनी पड़ी साइबर सिटी

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2020 में लोगों को घर में मनाने पड़े त्योहार

हमारे देश की संस्कृति और त्यौहार अलग पहचान बनाते हैं. लेकिन 2020 में क्या होली, क्या दिवाली और क्या ईद सब घर में रहकर ही मनाना पड़ा. क्योंकि लॉकडाउन में जो जहां था वो वहीं अटक गया था और जो अपने घरों में भी थे वो भी बाहर नहीं निकल सकते थे.

चंडीगढ़ में अपने घर जाने के लिए बस का इंतजार करते लोग

घर के बाहर लिखा- मेहमान अभी ना आएं

2020 की इस भयावह कहानी को एक और तस्वीर से समझने की कोशिश कीजिए. जिस देश में अतिथि देवो भवः को विरासत माना जाता है वहां अगर लोग मेहमान से ना आने की अपील करें तो बात वाकई बड़ी हो जाती है. लेकिन कोरोना के वक्त में ऐसा हुआ जब कई लोगों ने अपने घरों के बाहर मेहमानों से ना आने की अपील करते पोस्टर लगा दिए.

अपने घर वापस पैदल जाते मजदूर

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हमेशा ऐसे याद रहेगा 2020

साल 2020 ने वो सब दिखा दिया जो किसी ने ना कभी देखा था और ना ही कभी उम्मीद की थी. आने वाले वक्त में जब-जब इस साल को याद किया जाएगा, तब-तब कोरोना, लॉकडाउन, अनलॉक जैसे शब्द दिमाग में कोंदने लगेंगे और वो दृश्य आंखो के सामने आने लगेंगे जिन्होंने 2020 में इंसानी दुनिया को झकझोर कर रख दिया.

3 लोग जनाजे की नमाज पढ़ते हुए

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Last Updated : Dec 24, 2020, 12:30 PM IST

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