चंडीगढ़ः भविष्य में जब वर्तमान का इतिहास लिखा जाएगा तो हमारी आने वाली पीढ़ियां जनेंगी कि सन 2020 में कैसे पूरी मानव जाति को एक बीमारी ने इतना असहाय कर दिया था कि लोग घरों में बंद हो गए थे. पूरा जीवन चक्र रुक गया था. बसों के पहिए थम गए थे. रेलवे स्टेशन सुनसान हो गए थे, हवाई जहाज जमीन खड़े रहे थे.
2020 में संसद, सड़क सब खाली थे
ऑफिसों में काम होना बंद हो गया. संसद से लेकर सड़क तक सब खाली थे. हरियाणा अपनी बैठकों और उन पर हुक्के की गुड़गुड़ाहट के साथ होने वाली चर्चा के लिए जाना जाता है. लेकिन 2020 में कोरोना ने वो सब रोक दिया. हालात ऐसे हो गए थे कि अपने घरों से बाहर नौकरी करने वाले भी वापस लौट गए और दो जून की रोटी कमाने के लिए हजारों किमी का सफर करने वाले मजदूर भी जैसे-तैसे अपने घरों तक जा पहुंचे.
हरियाणा में शुरू हुई डंगवारा प्रथा
ये वक्त गेहूं कटाई का था और मजदूर मिल नहीं रहे थे तो लोगों ने वर्षों पुरानी एक प्रथा को दोबारा शुरू किया. जिसे डंगवारा कहा जाता है. इसमें पड़ोसी काम में एक दूसरे की मदद करते हैं. किसानों ने भी यही किया और एक-दूसरे की फसल कटवाई.
2020 में लोगों ने खूब चलाई साइकिल
एक वक्त आसानी और वक्त की बचत को तरजीह देने वाले लोग 2020 में कोरोना की वजह से इम्युनिटी बढ़ाने के लिए साइकिल पर आ गए और अचानक साइकिल की बिक्री बढ़ गई. इसके अलावा विटामिन की गोलियों की बिक्री भी बढ़ी. इतना ही नहीं लोगों ने योग से इम्युनिटी बढ़ाने की भी कोशिश की.
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