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अलवर मॉब लिंचिंग: अलवर कोर्ट ने पहलू खान हत्या मामले के सभी आरोपियों को बरी किया - पहलू खान

मॉब लिंचिंग पहलू खान हत्याकांड में अलवर कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में सीबीसीआईडी ने नामजद 9 व्यक्तियों को आरोपी बनाया था.

अलवर मॉब लिंचिंग मामला

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Published : Aug 14, 2019, 1:37 PM IST

Updated : Aug 14, 2019, 6:59 PM IST

अलवर/ चंडीगढ़: राजस्थान के अलवर जिले के चर्चित मॉब लिंचिंग पहलू खान हत्याकांड में बुधवार को जिला कोर्ट ने इस केस के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. 2017 के इस मामले में भीड़ ने गो-तस्करी के मामले में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. लेकिन अब अलवर कोर्ट ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है.

इस मामले में सीबीसीआईडी ने नामजद 6 व्यक्तियों को (सुधीर यादव, हुकमचंद यादव, ओम यादव, नवीन शर्मा, राहुल सैनी और जगमाल सिंह) आरोपी नहीं माना था. उनकी जगह वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर 9 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें दो नाबालिग भी शामिल थे. पुलिस ने विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार, दीपक गोलियां और भीमराठी ओर दो नाबालिग को आरोपी बनाया था.

पहलू खान केस पर क्लिक कर सुनें क्या कहा सरकारी वकील ने

जानें क्या था पूरा मामला

बता दें कि एक अप्रैल, 2017 को हरियाणा के नूंह जिले के जयसिंहपूरा गांव निवासी पहलू खान अपने दो बेटों उमर और ताहिर के साथ जयपुर के पशु हटवाड़ा से दुधारू पशु खरीदकर अपने घर जा रहा था. इस बीच अलवर के बहरोड़ पुलिया के पास भीड़ ने गाड़ी को रुकवा कर पहलू और उनके बेटों से मारपीट की थी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पहलू खान को बहरोड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 4 अप्रैल 2017 को उनकी मौत हो गई थी.

इस तरह शुरू हुई पुलिस की कार्रवाई

अपर लोक अभियोजक योगेंद खटाणा ने बताया कि दो अप्रैल 2017 को बहरोड़ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में विपिन, रवींद्र, कालूराम, दयानंद और योगेश कुमार के खिलाफ चार्जशीट 31 मई 2017 को पेश की थी. इसके बाद पुलिस ने दीपक गोलियां और भीमराठी को भी आरोपी मानते हुए सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. उन्होंने बताया कि एडीजे कोर्ट में पुलिस द्वारा चार्जशीट पेश होने के बाद लगातार सुनवाई हुई. पहलू खान के बेटों सहित 44 गवाहों के बयान कोर्ट में कराए गए हैं.

गौरतलब है कि ये मामला राजस्थान से लेकर दिल्ली तक उठा था. इस मामले में वसुंधरा सरकार को देशभर में आलोचना झेलनी पड़ी थी. पिछले दिनों सरकार ने विधानसभा में मॉब लिंचिंग कानून पारित कराया है.

बात करें साल 2019 की, तो देशभर में अबतक गाय के नाम पर 8 हिंसा के मामले सामने आ चुके हैं. ये ना सिर्फ हरियाणा से बल्कि कर्नाटक, असम, झारखंड, मध्यप्रदेश, यूपी और बिहार राज्यों में भी हुई हैं.

2019 में गाय के नाम पर हिंसा-

तारीख: 19 जनवरी

  • जगह: रोहतक, हरियाणा
  • घायल: 1
  • घटना: 24 साल के नौशाद की पिटाई - गो-तस्करी का शक

तारीख: 31 जनवरी

  • जगह: हासन, कर्नाटक
  • घायल: 1
  • घटना: 70 साल की ख़मरूनिशा पर हमला, दुकान में तोड़फोड़, गोमांस बेचने का शक

तारीख: 7 अप्रैल

  • जगह: विश्वनाथ, असम
  • घायल: 1
  • घटना: 68 साल के शौक़त की पिटाई, जबरन पोर्क खिलाया गया, गोमांस बेचने का शक

तारीख: 10 अप्रैल

  • जगह: गुमला, झारखंड
  • मौत: 1
  • घायल: 3
  • घटना: बैल के चमड़े निकालने का आरोप, ईसाई आदिवासी पर भीड़ ने किया हमला

तारीख: 22 मई

  • जगह: शिवनी, मध्यप्रदेश
  • घायल: 3
  • घटना: 2 पुरुष, 1 महिला पर 5 लोगों ने किया हमला, पांच लोगों ने किया हमला, जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए

तारीख: 7 जुलाई

  • जगह: खंडवा: मध्यप्रदेश
  • घायल: 24
  • घटना: गो-तस्करी के आरोप में 24 लोगों की पिटाई, रस्सियों से बांध कर पिटाई, गो माता की जय के नारे लगवाए

तारीख: 19 जुलाई

  • जगह: सारण, बिहार
  • मौत: 3
  • घटना: पशु चोरी के आरोप में हत्या, तीन लोगों की पीट पीट कर हत्या
  • टिप्पणियां

तारीख: 10 अगस्त

  • जगह: गाजियाबाद, यूपी
  • घायल: 1
  • घटना: MCD कर्मचारी की पिटाई, पशुओं के अवेशष को डंप करने जा रहा था
Last Updated : Aug 14, 2019, 6:59 PM IST

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