चंडीगढ़: पीजीआई उन अस्पतालों में शुमार है जहां पर मरीजों को बेहतर इलाज दिया जाता है, लेकिन अब चंडीगढ़ पीजीआई का नाम दुनिया के उन अस्पतालों में भी जुड़ चुका है जहां पर दिमाग की बीमारियों के लिए बेहद एडवांस तकनीक का प्रयोग किया जाता है.
चंडीगढ़ पीजीआई में दिमाग की बीमारियों के इलाज के लिए खास लैबोरेट्री बनाई गई है. जिसमें एक अत्याधुनिक स्कैनिंग मशीन लगाई गई है. इस लैबोरेट्री का उद्घाटन कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किया था.
इस मशीन के बारे में जानकारी देते हुए प्रोफेसर अजय कुमार ने बताया कि इस मशीन का नाम 'टू बाय प्लेन डीएसए' मशीन है. ये मशीन नीदरलैंड से मंगाई गई है और इसकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है.
उन्होंने बताया कि मशीन दिमाग की कई गंभीर बीमारियों का पता लगाने में सक्षम है. जैसे लकवा होना, दिमाग की नसों में ब्लॉकेज होना, ब्रेन हेमरेज होना आदि. ये मशीन इतनी गहराई से स्कैनिंग कर सकती है कि दिमाग की बाल से भी पथरी नसों की तस्वीरें साफ-साफ दिखा सकती है. इसके अलावा इस लैबोरेट्री में ऐसा एयर कंडीशन सिस्टम लगाया गया है जो लैबोरेट्री के अंदर की हवा को बेहद साफ रखता है. इस हवा में कोरोना वायरस भी मौजूद नहीं रह सकता.
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मशीन की कार्यप्रणाली दिखाते हुए उन्होंने बताया कि उनके पास एक मरीज आया था जिसे लकवा हो गया था. उसके दिमाग की एक नस ब्लॉक हो गई थी. इस मशीन से स्कैन करते ही तुरंत उन्हें ब्लॉकेज के बारे में पता चल गया. जिसके बाद उस नस में स्टंट डालकर उस नस को खोल दिया गया. जहां पर खून की सप्लाई शुरू हो गई. जिसके बाद कुछ ही घंटों में वह मरीज बेहतर हालत में यहां से भेजा गया. लकवे के मरीज का इतनी जल्दी इलाज होना इस मशीन की वजह से ही संभव हो पाया है.