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Employees Suspended in Haryana: चार साल पुराने गबने मामले में 6 कर्मचारी निलंबित, FIR दर्ज करने का आदेश - etv bharat haryana news

हरियाणा सरकार ने चार साल पुराने गबन के एक मामले में 6 कर्मचारियों को निलंबित (Employees Suspended in Haryana) करने का आदेश दिया है. ये कर्मचारी शहरी स्थानीय विभाग में कार्यरत थे. इनकी शिकायत सीएम विंडो पर दी गई थी. विभागीय जांच में ये सभी दोषी पाये गये.

Haryana Urban Local Department
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Published : May 25, 2022, 10:40 PM IST

चंडीगढ़:मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा शहरी स्थानीय विभाग (Haryana Urban Local Department) के 6 कर्मचारियों को चार साल पुराने गबन के मामले में निलंबित करने का आदेश दिया है. निलंबन के अलावा इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश भी दिये गये हैं. सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि चार वर्ष पहले सीएम विंडो पर इन अधिकारियों के विरुद्ध गबन के मामले की दो शिकायतें प्राप्त हुई थी. उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों की विभागीय जांच की गई जिसमें उन्हें दोषी पाया गया.

मामला कैसे उजागर हुआ- साल 2017 के आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार सीएम विंडो पर नूंह जिले में पालड़ी रोड से मदर प्राईड स्कूल तक अनाधिकृत क्षेत्र में मिट्टी भराई के कार्य के 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के मूल अनुमानों में गड़बड़ी की शिकायत की गई थी. इन अनुमानों को सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बिना संशोधित कर दिया गया. साथ ही निर्धारित नियमों व प्रावधानों की अवेहलना कर पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया.

बाद में इस शिकायत को जिला उपायुक्त, नूंह को भेजा गया. जिला उपायुक्त की जांच रिपोर्ट में उस अवधि के दौरान कार्यरत रहे पंचायती राज संस्थान से प्रतिनियुक्ति पर आए कनिष्ठ अभियंता जसमीर, निगम अभियंता जावेद हुसैन (अब नगर परिषद नूंह में तैनात), कनिष्ठ अभियंता राजेश दलाल (अब नगर पालिका सांपला में तैनात) तथा निगम अभियंता लक्ष्मी चंद राघव (अब नगर निगम करनाल में सहायक अभियंता के पद पर तैनात) के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने की सिफारिश की गई.

इसी प्रकार की एक शिकायत 2018 में बवानीखेड़ा शहर की मुख्य सड़क को लेकर पाई गयी. यहां गलियों में लाईटें लगाने के संबंध में 18 दिसंबर 2016 को 99.73 लाख रुपये के कार्य के टेंडर आमंत्रित किये गये. इसमें उचित टेंडरिंग प्रक्रिया को अपनाया नहीं गया. टैक्निकल बिड से सम्बंधित दस्तावेजों की कॉपी ऑनलाइन खोलने की तिथि 9 अप्रैल, 2018 के बजाय 6 अप्रैल, 2018 को ही प्राप्त कर ली गई.

इस मामले की जांच अतिरिक्त उपायुक्त भिवानी को सौंपी गई. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रारम्भिक स्तर पर टेंडर प्रक्रिया के नियमों का पालन नहीं किया गया है. नगर अभियंता पंकज ढांडा (अब नगर निगम यमुनानगर में सहायक अभियंता के पद पर तैनात) तथा नगर पालिका बवानीखेड़ा के तत्कालीन अभियंता (अब नगर निगम, हिसार में कार्यरत) द्वारा की गई लापरवाही व खामियां पाई गयी. इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबित करते हुए एफआईआर भी दर्ज करने के आदेश दिये.

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