चंडीगढ़:प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुवार को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के टैगोर सभागार में विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित (free tablets distributed in Haryana) किए. उन्होंने प्रदेशभर की 119 जगहों पर आयोजित टैबलेट वितरण समारोहों को एमडीयू के सभागार से वर्चुअली संबोधित किया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र पर पड़ा. इस वजह से स्कूलों को बंद करना पड़ा और कोरोना की वजह से स्कूलों को सबसे आखिर में खोला गया. इससे विद्यार्थियों की शिक्षा प्रभावित हुई.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी सूचना क्रांति की आज शुरूआत हो रही है. विशेष काम को विशेष कृति की संज्ञा दी जाती है लेकिन यह विशेष कृति नहीं बल्कि आज के युग की क्रांति है. मुख्यमंत्री गुरुवार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के टैगोर सभागार में हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को दिए जाने वाले टेबलेट वितरण कार्यक्रम के शुभारंभ पर बोल रहे था. इस मौके पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर भी मौजूद थे.
हरियाणा में वितरित किए गये 5 लाख टैबलेट, सीएम का बड़ा ऐलान, अगले साल से 9वीं के छात्रों को भी मिलेंगे फ्री टैब विद्यार्थी घर से पढ़ सके, इसके लिए ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई. कुछ बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे और आर्थिक तौर पर अभिभावक भी दिलवाने में असमर्थ थे. ऐसे में सरकार ने हाथ आगे बढ़ाते हुए उन बच्चों को टेबलेट देने का निर्णय लिया. इसी कड़ी में प्रदेशभर के 10वीं से 12वीं तक के 3 लाख विद्यार्थियों को टैबलेट दिए जा रहे हैं. जल्द अन्य 2 लाख टैबलेट भी वितरित कर दिए जाएंगे. यह टैबलेट विद्यार्थियों के साथ-साथ 33 हजार शिक्षकों को भी दिए जा रहे हैं ताकि वे विद्यार्थियों को अच्छे से ऑनलाइन पढ़ाई करवा सकें. मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा
मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगले वर्ष 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी टैबलेट दिए जाएंगे. अभी ये मुफ्त टैबलेट केवल 10वीं, 11वीं और 12वीं के छात्रों को दिये जाते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को डिजिटल डिवाइस देने के छोटे-मोटे अभियान तो किसी न किसी राज्य ने जरुर चलाए होंगे लेकिन इतने बड़े स्तर पर विद्यार्थियों को टैबलेट देने का अभियान देशभर में किसी राज्य ने नहीं चलाया है. उन्होंने कहा कि पहले समय में तख्ती पर पढ़ाई करवाई जाती थी लेकिन आज डिजिटल युग में तख्ती की जगह टैबलेट ने ले ली है. पहले विद्यार्थियों को पुस्तकें खरीदनी पड़ती थी लेकिन आज पुस्तकें ई-बुक्स के माध्यम से टैबलेट में उपलब्ध होंगी.
बच्चों के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल टैबलेट में मिलेगा मुफ्त इंटरनेट डेटा- इसके अलावा टैबलेट में ऑनलाइन एक्टिविटी के लिए छात्रों को इंटरनेट डेटा पर पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. टैबलेट में प्रतिदिन एयरटल या जियो का 2 जीबी डेटा फ्री मिलेगा. जिस पर सरकार का लगभग 57 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. बच्चों के माता-पिता की आमदनी के हिसाब से इन्टरनेट पर 3500 रुपए सालाना खर्च करना संभव नहीं था. टैबलेट के साथ अगर फ्री इन्टरनेट न दिया जाता तो इससे उतना लाभ नहीं मिल पाता. टैब में लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की गई है, जो पर्सनलाइज्ड अडेप्टिव लर्निंग (पीएएल) पर आधारित है. ताकि बच्चे टैबलेट में ही मॉक टेस्ट, पूरा पाठ्यक्रम और अपने विषयों से संबंधित पूरी जानकारी हासिल कर सकें.
क्या है पीएएल- पर्सनलाइज्ड अडेप्टिव लर्निंग (PAA) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो प्रत्येक छात्र को उनके ज्ञान, कौशल और जरूरतों के आधार पर पाठ्यक्रम सामग्री उपलब्ध कराता है. इसके जरिए छात्र अपनी जरूरत के हिसाब से सामग्री सर्च करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं. वहीं नेशनल रेसपरेटरी ऑफ ओपन एजुकेशनल रिसोर्सेज (NROER) शैक्षिक संसाधनों का एक सार्वजनिक डिजिटल पुस्तकालय है. जिसमें पाठ्यक्रम से संबंधित सभी तरह की सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाती है.
प्रतियोगी परीक्षाओं की सामग्री भी उपलब्ध- विद्यार्थी टैबलेट, फ्री इंटरनेट और पीएएल की सहायता से न केवल अपनी बोर्ड परीक्षा को अच्छे अंकों से पास करने में सक्षम होंगे बल्कि नीट (NEET), जेईई (JEE) और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर सकेगा. इससे विद्यार्थी को अच्छे कॉलेज में दाखिला लेने में सहायता मिलेगी. पढ़ाई के अतिरिक्त और भी कौशल हैं जो इस टैबलेट से प्राप्त होंगे. ये टैबलेट 21वीं सदी के कौशलों जैसे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स (AI) वर्चुअल रियलटी, डेटा साइट, डेटा एनालिसिस, ब्लॉक चेन मैनेजमेन्ट, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे कौशलों को सीखने में मदद करेगा.
डिजिटल मतलब दिल में गीता- मनोहर लाल ने कहा कि क्रांति जब होती है तो टकराव होता है और युद्ध भी होते हैं. महाभारत के युद्ध से श्रीमद्भगवद गीता निकली. ऐसा ही एक युद्ध तीन साल से कोविड महामारी के तौर पर जारी था. इसी से डिजिटलाइजेशन निकला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम ऐसे युग में हैं जब प्रौद्योगिकी सरल और हमारी पहुंच के अंदर है. यदि एक बार इसमें रूचि लेंगे तो पूरी दुनिया के दरवाजें खुल जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि डिजिटल के शब्दों से DIL को हटा दिया जाए तो गीता बन जाता है. और DIL शब्द से दिल बन जाता है. इसका मतलब डिजिटल का अर्थ है कि दिल में गीता.