चंडीगढ़: गैर-पुलिसिंग के कार्य में लगे अफसरों और कर्मियों के मामले में गृह मंत्रालय को विभाग की ओर से लिस्ट मिल गई है. जिसमें उन अधिकारियों के नाम है जो संबंध तो पुलिस विभाग से रखते हैं लेकिन सेवाएं दूसरे विभागों को दे रहे हैं. इस विषय को लेकर पूर्व में गृहमंत्री ने आदेश जारी किए थे.
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा मांगी गई गैर-पुलिसिंग कार्यों की सूचना मिल जाने के बाद में अब इस तरह के अफसरों की अपने विभाग में वापसी के लिए तैयारी कर ली गई है.
गृह मंत्रालय को बाहरी महकमे में सेवाएं दे रहे IPS अफसरों की मिली लिस्ट इस संबंध में गृह मंत्री अनिल विज के आदेशों पर गृह विभाग के एसई एसके माध्यम से इन अफसरों की वापसी के लिए लिख दिया गया है. गैर-पुलिसिंग कामों में लगे अफसरों को लेकर काफी पहले प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने ब्यौरा मांग लिया था. इस बारे में मांगी गई जानकारी में विभाग की ओर से चार अफसरों की जानकारी भेजी गई है. यह वो वरिष्ठ आईपीएस अफसर हैं जिन्हें प्रदेश की मनोहर सरकार ने प्रशासनिक विभागों में तैनात कर रखा है.
ये हैं वो चार अधिकारी
इन अफसरों में से सबसे ऊपर नाम बिजली निगम में लगे बतौर चेयरमैन एमड़ी लगे आईपीएस शत्रुजीत कपूर का आता है. दूसरे नंबर पर हरियाणा खनन विभाग में बतौर निदेशक तैनात वरिष्ठ आईपीएस अफसर अमिताभ ढिल्लो का आता है. हालांकि उनके पास में प्रदेश एसटीएफ का प्रभार भी शामिल है.
इसी तरह से अक्षय ऊर्जा विभाग हरियाणा में वरिष्ठ आईपीएस अफसर डॉक्टर हनीफ कुरैशी को निदेशक तैनात किया गया है. इन तीनों पदों पर पहले आईएएस ऑफिसर लगाए जाते रहे हैं. इसी तरह से वरिष्ठ आईपीएस अफसर ओपी सिंह को हरियाणा सचिवालय के चौथे तल पर लगाया हुआ है जो प्रदेश के विभिन्न जिलों में खेलकूद प्रतिनिधियों के तहत राहगीरी कार्यक्रम कराते हैं.
इनको भी लिखा जाएगा पत्र
रीजनल पासपोर्ट अफसर कविराज वहां डेपुटेशन पर गए हुए हैं. लेकिन अफसरों की कमी को देखते हुए इस संबंध में भी पत्राचार की तैयारी है. कबीर राज हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं वो इस समय चंडीगढ़ में तैनात हैं.
विज ने कहा कि गैर पुलिस इन कामों में लगे अफसरों को वापस भेजने के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन के माध्यम से कार्रवाई शुरू की जा रही है. पुलिस में अधिकारियों की कमी है काम बहुत अधिक है पत्र में इन अधिकारियों को अपने विभाग में वापसी के लिए लिखा गया है क्योंकि राज्य में पर्याप्त संख्या में प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं.
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