चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल (Haryana Chief Secretary Sanjeev Kaushal) ने कहा कि राज्य में 36 पुराने व अप्रचलित कानूनों/अधिनियमों को निरस्त किए जाने पर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को जल्द से जल्द कार्रवाई कर ऐसे कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने अब तक 20 ऐसे कानूनों/अधिनियमों को निरस्त किया जा चुका है.
मुख्य सचिव शुक्रवार को चंडीगढ़ में पुराने व अप्रचलित कानूनों/अधिनियमों को निरस्त करने के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार गुरुद्वारा आयोग के आयुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) इकबाल सिंह की अध्यक्षता में गठित हरियाणा राज्य समीक्षा समिति की सिफारिशों और द्वितीय हरियाणा विधि आयोग के परामर्श के अनुसार इन अप्रचलित कानूनों/अधिनियमों को निरस्त करने का निर्णय लिया गया है.
मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा राज्य समीक्षा समिति ने 56 पुराने व अप्रचलित कानूनों/अधिनियमों को निरस्त करने तथा 6 कानूनों/अधिनियमों में संशोधन की सिफारिश की थी. तत्पश्चात राज्य सरकार द्वारा द्वितीय हरियाणा विधि आयोग का गठन किया गया और ऐसे अधिनियमों को निरस्त करने से पूर्व आयोग से परामर्श लेना आवश्यक था.
मुख्य सचिव ने बताया कि समुचित प्रक्रिया अमल में लाते हुए 56 में से अब तक 20 ऐसे कानूनों/अधिनियमों को निरस्त किया जा चुका है. इनमें से 19 अधिनियम राजस्व विभाग और एक बिजली विभाग से संबंधित है. शेष पर भी जल्द विभागीय कार्रवाई कर निरस्त कर दिया जाएगा. इसके अलावा, शहरी स्थानीय निकाय, श्रम, उद्योग, उच्चतर शिक्षा, गृह विभाग, कृषि, हाउसिंग, आबकारी एवं कराधान, विधि एवं विधायी, राजनैतिक एवं संसदीय मामले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और परिवहन विभागों से संबंधित 36 कानूनों/अधिनियमों को निरस्त किए जाने पर कार्य किया जा रहा है.
संजीव कौशल ने कहा कि जिन अधिनियम के मामले न्यायालयों में विचाराधीन है, उनको निरस्त या संशोधन करने से पूर्व द्वितीय हरियाणा विधि आयोग से परामर्श अवश्य लिया जाए. मुख्य सचिव ने बताया कि 6 कानूनों/अधिनियमों में संशोधन की सिफारिश में से पंजाब विलेज कॉमन लैंड (रैगुलेशन) एक्ट, 1961, हरियाणा पंचायती राज एक्ट, 1994, हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट, 2014 में संशोधन किया जा चुका है.