भिवानीः बॉक्सर पूजा रानी बोहरा (pooja rani) 75 किलोग्राम कैटेगरी में ओलंपिक का कोटा हासिल कर चुकी हैं. पूजा रानी स्कूल टाइम में बास्केटबॉल खेलती थीं, और बाकी खेलों में भी उनकी रुचि थी लेकिन पूजा रानी के स्कूल में बॉक्सिंग के लिए कोई सुविधा नहीं थी तो वो बाकी खेलों में ही मन लगाती थीं. इसके बाद जब वो कॉलेज में पहुंची और वहां मिले उन्हें भीम अवॉर्डी संजय श्योराण और उन्होंने देखते ही कहा ये लड़की बॉक्सिंग खेलेगी.
पूजा रानी के बास्केटबॉल से बॉक्सिंग (pooja rani boxer) तक के सफर की कहानी बेहद दिलचस्प है. दरअसल इनके पहले कोच संजय श्योराण की पत्नी उसी कॉलेज में फिजिकल लेक्चरर थी जिसमें पूजा रानी ने एडमिशन लिया था. और वो बास्केटबॉल भी खेलती थी. वहीं पूजा की मुलाकात संजय की पत्नी से हुई. फिर एक बार जब यूनिवर्सिची की टीम खेलों के लिए जा रही थी तो बॉक्सिंग में खेलने के लिए कोई नहीं मिल रहा था. वहां सिर्फ कैटेगरी फिल करने के लिए पूजा का नाम डाल दिया गया. वहीं पर पहली बार संजय श्योराण ने पूजा को बॉक्सिंग करते देखा और कहा ये लड़की चैंपियन बनेगी.
पूजा रानी के पहले कोच संजय श्योराण कहते हैं कि मेरे पास तो कच्चा हीरा आया था जिसको मैंने तराशा है, बनया है लेकिन टैलेंट तो उसके अंदर बचपन से ही था. क्योंकि उसके पिता फुटबॉल खेलते थे तो खेल उसके खून में था. अब हमें उससे मेडल की उम्मीद है और वो जरूर मेडल लेकर आएगी.
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क्या बोलीं पूजा रानी की मां ?