भिवानी :प्रदेश में हरियाली तीज का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया (Hariyali Teej in Bhiwani) गया, लेकिन कुछ जगहों में हरियाली तीज का त्योहार अब बस नाम का ही रह गया है. लोगों में उमंग और उत्साह भागम-भाग लाइफ स्टाइल के बीच कहीं सिमटता जा रहा है. हरियाली तीज के मौके पर भिवानी में रविवार को तीज के पर्व पर अग्रसेन महिला मंडल द्वारा मेले का आयोजन किया गया. इस मेले में स्वदेशी वस्तुओं की स्टाल भी लगाए गए. मेले में झूले भी लगाए गए जिसका बच्चों ने खूब लुत्फ उठाया.
Hariyali Teej 2022: संस्कृति को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभाता है तीज का पर्व - सावन माह की तृतीया तिथि
भिवानी में हरियाली तीज के अवसर पर अग्रसेन महिला मंडल ने मेले का आयोजन (Hariyali Teej in Bhiwani) किया. मेले में स्टॉल लगाए गए. अग्रसेन महिला मंडल द्वारा आयोजित इस मेले में बच्चों ने भी खूब आनंद लिया. मेले में आई महिलाओं ने कहा कि भागती जिंदगी में त्योहार कहीं सिमटते नजर आ रहे हैं इसलिए संस्कृति को बचाए रखने के लिए हरियाली तीज पर मेले का आयोजन किया गया है जिससे बच्चे अपने कल्चर के बारे में जान सकें.
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सावन माह की तृतीया तिथि (third date of sawan month) को मनाया जाने वाला तीज पर्व अपने आप में कई खासियत रखता (Hariyali Teej 2022) है. इस दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं. तीज पर मेंहदी लगाने का भी रिवाज है और मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है, लेकिन वक्त के साथ अब त्योहार के रंग भी कहीं फीके पड़ने लगे हैं. अग्रसेन महिला मंडल मेले में आई महिलाओं ने कहा कि त्योहारों का अब संस्कृति को जीवंत बनाए रखना ही एकमात्र उद्देश्य रह गया है.
महिलाओं का कहना है कि आज की भागदौड़ की जिंदगी में शहरों से तीज का त्योहार जैसे समाप्त ही हो चला है, लेकिन आने वाली पीढ़ी को ज्ञात हो कि तीज त्योहारों का क्या महत्व होता है बस इस संस्कृति को जिंदा रखने के लिए ही आजकल त्योहार मनाए जा रहे हैं.