भिवानी: लोहारू के रास्ते से खाटूधाम को जाने वाले हजारों श्याम भक्तों के पैदल जत्थों के कारण यहां का माहौल भी श्याममय होने लगा है. लोहारू हलके से भी सैंकड़ों की संख्या में श्याम भक्त खाटू धाम के लिए पैदल रवाना हुए हैं तथा यह क्रम जारी है. ये भक्त करीब 175 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके खाटू धाम पहुंचेंगे.
वैसे तो खाटू धाम पर हर माह की सुदी एकादशी को छोटे-छोटे मेले लगते रहते हैं मगर वर्ष में दो बार फाल्गुन और कार्तिक माह में लगने वाले मेले राजस्थान में ही नहीं देश के अन्य राज्यों में भी विशाल माने जाते हैं. यहां पर लगने वाले इन भव्य मेलों में देश के कोने कोने से लाखों श्रद्घालु शिरकत करते हैं.
भगवान श्री श्याम के बारे में बुजुर्गों ने कहा कि श्री श्याम का असली नाम बर्बरीक था जो कि महाभारत में पांडव पुत्र भीम के पौत्र थे. उनका नाम श्री श्याम क्यों पड़ा? इसके बारे में किवदंती प्रचलित है कि जब हरियाणा के कुरूक्षेत्र स्थान पर कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का युद्घ चल रहा था तो बर्बरीक तीन बाण और धनुष लेकर रणभूमि में पहुंचा तब श्री कृष्ण ने पूछा कि आप कौन हैं तथा तीन बाण लेकर रणभूमि में क्या करने आए हैं.
इस पर बर्बरीक ने उत्तर देते हुए कहा कि मैं भीम पुत्र घटोत्कच का बेटा बर्बरीक हूं तथा अपने तीन बाणों से सारे संसार को पराजित कर सकता हूं और केवल एक बाण से ही मैं दोनों सेनाओं का संहार कर सकता हूं यदि आपको विश्वास ना हो तो आप परीक्षा लेकर देख सकते हैं. परीक्षा लेने पर कृष्ण को उसकी वीरता पर विश्वास हो गया.