भिवानी: प्रधानमंत्री का बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का अभियान इन दिनों बसों की कमी से जूझ रहा है. बसों की समस्या से परेशान होकर बवानीखेड़ा के गांव पुर और सिवाड़ा की छात्राओं का गुस्सा फूटा और छात्राओं ने बवानीखेड़ा में जाम लगाया, साथ ही पर्याप्त बस सुविधा मुहैया करवाए जाने की मांग की.
छात्राओं की भारी भीड़ को देखकर मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उनकी समस्या का समाधान करवाए जाने का आश्वासन दिया. जिसके बाद छात्राएं शांत हुईं. प्रदर्शनकारी छात्राओं ने कहा कि इस रूट पर पिछले तीन माह से महिलाओं के लिए चलाई गई बस सेवा भी बंद है.
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प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने बताया कि गांव पुर और सिवाड़ा से बवानीखेड़ा महिला कॉलेज पहुंचने के लिए परिवहन विभाग द्वारा पर्याप्त बस सेवा मुहैया नहीं करवाई गई है, जिसके चलते उन्हें प्राइवेट बसों में भारी भीड़ के बीच कॉलेज जाना पड़ता है.
उन्होंने बताया कि कॉलेज पहुंचने के लिए उन्हे कई बार बसों की खिड़की पर लटक कर जाना पड़ता है, जिससे दुर्घटना होने का अंदेशा भी बना रहता है. उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार ये कहती है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लेकिन अगर बेटी पढ़ेगी नहीं तो आगे बढ़ेगी कैसे.
उन्होंने बताया कि कई बार तो प्राइवेट बसें भी सही समय पर नहीं पहुंच पाती, जिसके चलते उन्हें या तो निजी वाहन में दोगुने से ज्यादा पैसे देकर कॉलेज पहुंचना पड़ता है या फिर वे कॉलेज ही नहीं पहुंच पाती, जिसके चलते उन्ही पढ़ाई सुचारू नहीं रहती.
प्रदर्शनकारी छात्राओं ने सरकार और विभाग से मांग की है कि छात्राओं के लिए विशेष बस सुविधा लगाई जाए, जिससे छात्राओं को कॉलेज पहुंचने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े.
वहीं उन्होंने बताया कि वे पहले भी बसों की समस्या के समाधान की मांग को लेकर जाम लगा चुकी हैं, तब भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उन्हें समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन उनकी समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है.
बता दें कि बसों की कमी से जूझ रही छात्राओं ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को भी मांग पत्र सौंपकर पर्याप्त बस सुविधा मुहैया करवाने की मांग की थी, ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो और साथ ही उन्हे आवागमन में दिक्कत का सामना न करना पड़े.