भिवानी: तोशाम के रहने वाले कृष्ण नामक व्यक्ति ने 2014 में अपनी दो बेटियों की शादी की थी. पेशे से मजदूर कृष्ण को सरकार द्वारा पंजीकृत कामगारों की लड़कियों की शादी में दिए जाने वाले 51 हजार रुपये की राशि कन्यादान के रूप में मिलने की योजना का पता था इसलिए उन्होंने अपनी बेटियों की शादी के लिए डेढ़ लाख रुपये का कर्ज भी लिया था. उन्हें लगा सरकार की ओर से कन्यादान मिलने पर कर्ज चुका दिया जाएगा लेकिन वो पिछले 5 साल से अपनी दो बेटियों की शादी पर मिलने वाले 1 लाख 2 हजार रुपये की कन्यादान राशि के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
5 साल से कन्यादान राशि के लिए चक्कर काट रहा है दो बेटियों का पिता - haryana news
एक ओर सरकार 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान पर करोड़ों खर्च रही है. वहीं दूसरी ओर बेटियों के नाम पर शुरू की गई योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा कन्यादान के रूप में दी जाने वाली राशि के लिए एक पिता पिछले 5 साल से दफ्तरों के चक्कर काट रहा है.
कृष्ण ने बताया कि विभाग में संबंधित भिवानी के अधिकारियों के अलावा कमिश्नरी स्तर पर हिसार में बैठे अधिकारियों से भी बार-बार मिल चुके हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री को सीएम विंडो के माध्यम से दो बार अवगत करवा चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का आज भी हल नहीं निकला है.
प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कल्याण बोर्ड व अन्य विभागों द्वारा पंजीकृत कामगार मजदूरों के लिए शुरू की गई योजना श्रमिकों तक पूर्णता नहीं पहुंच पा रही है. अगर इसी तरह बेटियों के लिए शुरु की गई इन योजनाओं के नाम पर लोगों को परेशान किया जाएगा तो इन बेटियों के गरीब पिताओं को किसका सहारा मिलेगा.