भिवानी:हरियाणा में बेमौसम बारिश (unseasonal rain in haryana) से खरीफ की फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. खासतौर पर बाजरा, ज्वार, कपास और गन्ने की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा हैं. जिसके चलते किसान बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग करने (farmers demand compensation in Bhiwani) लगे हैं. भिवानी के दर्जनों गांवों में जलभराव की स्थिति के चलते किसान परेशान हैं. जहां एक तरफ बेमौसम बारिश के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है, वहीं शनिवार सुबह भिवानी के रोहणात गांव के पास सुंदर ब्रांच नहर टूटने से 300 एकड़ से अधिक फसल जलमग्न हो गई.
नहर ओवरफ्लो होने के कारण नहर की दीवार का लगभग 20 फुट का टुकड़ा पानी में बह गया, जिसके कारण खेतों में नहर का पानी भर (Crops ruin to rain in Bhiwani) गया. इस नहर की क्षमता 600 क्यूसेक पानी की है, जबकि नहर में 900 क्यूसेक के लगभग पानी छोड़ा हुआ है. माना जा रहा है कि अतिरिक्त दबाव नहर टूटने का मुख्य कारण बना है. नहर में अधिक पानी को छोड़ना नहरी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही को साफ झलकाता है.
भिवानी में किसानों की मुआवजे की मांग अब इस टूटी हुई नहर को पाटने के लिए जेसीबी मशीन मंगवाई जा रही है. पानी को बंद किए जाने के लिए कहा गया है, जिससे नहर की मरम्मत की जा सके. वहीं दूसरी तरफ नहर टूटने से धान, कपास, ज्वार और बाजरे की फसल बर्बाद हो गई है. रोहणात और पपोसा गांव के 300 एकड़ फसलों में पानी भर गया है. किसानों का कहना है कि फसल लगभग पककर तैयार हो गई थी. बारिश होने के कारण बाजरे के तैयार दाने खेतों में ही अंकुरित होने लगे हैं. वहीं कपास के रूई भी खराब हो रही है. ऐसे में नहर टूटने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है. इसलिए किसान सरकार की तरफ से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
नहर टूटने के अलावा भिवानी के सिवाड़ापुर, तालु, धनाना, मिताथल, जताई, सुखपुरा, कुंगड़,ख्मुंढ़ाल, रोहणात, पपोसा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में बेमौसमी बारिश का प्रभाव पड़ा (Crops ruin to rain in haryana) है. जिसके चलते खेतों में एक से डेढ़ फुट पानी भरा हो गया है. किसानों की मांग है कि बेमौसमी बारिश ने उनकी खरीफ की फसल को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाया है. इसीलिए सरकार को मुआवजा देना चाहिए.
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