भिवानी: जिले के गांव प्रेमनगर की तस्वीरें आधुनिक भारत को शर्मसार कर देंगी. सत्ता, सिस्टम व समाज को हिला कर रख देंगी और सोचने पर मजबूर कर देंगी कि क्या आज के आधुनिक भारत और नंबर वन कहलाने वाले हरियाणा के गांवों में ऐसे हालात भी हैं. लोग इतने मजबूर कि मुर्दे तक को कंधा ना दे पाएं.
चाह कर भी अपनों को कंधा नहीं दे पाते यहां लोग
भिवानी जिले के गांव प्रेमनगर के श्मशान घाट के रास्ते पर कई दिनों से पानी भरा हुआ है और ये हालात हर साल महीनों तक रहते हैं. हर कोई चाहता है कि उसकी औलाद बुढ़ापे में उसका सहारा बने और जब उसकी मौत हो तो उसकी औलाद व चाहने वाले उसे कंधा दें, लेकिन यहां लोग चाह कर भी अपनों को कंधा नहीं दे पा रहे.
अपनों को कंधा ना दे पाने का कारण है श्मशान घाट को जाने वाले ये कच्चा और पानी से भरा रास्ता. बीती रात यहां 62 वर्षीय हवासिंह की मौत हो गई, लेकिन श्मशान घाट के रास्ते पर पानी भरा होने के कारण उनके शव को कंधा नहीं दिया गया, बल्कि ट्रैक्टर से उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया.
ये भी पढ़ें-कोरोना काल: लोगों में तनाव की समस्या से आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामलों में हुई बढ़ोतरी
लोगों की मानें तो यहां अक्सर मुर्दे गिरने या उनके अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों को गिरने व चोट लगने का डर बना रहता है. कई बार टैक्ट्रर जिसमें मुर्दे को ले जाया जाता है, उसके धंसने का भी डर रहता है. पूर्व सरपंच संदीप कुमार ने बताया कि श्मशान घाट के रास्ते में जलभराव के चलते लोग मुर्दे को कंधा तक नहीं दे पाते. शायद अनुसूचित जाति के श्मशान घाट होने के चलते सरपंच, विधायक या डीसी तक समाधान करने में रूची नहीं लेते.