भिवानी: भारतीय परंपरा में ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों का एक बड़ा महत्व रहा है. वर्षों से तालाब पशु पक्षियों और इंसानों के लिए ये तालाब जीवनदायक रहे हैं. इन्ही तालाबों को केंद्र सरकार ने अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत फिर से जीर्णोद्धार करने की योजना बनाई है. 24 अप्रैल 2022 से शुरू हुई अमृत सरोवर योजना के तहत देशभर में 50 हजार से अधिक तालाबों को पुर्नजीवित करना है.
इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में 75 तालाबों का निर्माण करना है. बता दें कि तोशाम गांव भिवानी (Tosham Village Bhiwani) में 200 साल पुराने अन्नेवाला तालाब का फिर से जीर्णोद्धार किया गया है. लगभग 8 एकड़ में एक करोड़ 4 लाख से अधिक की लागत से इस तालाब को तैयार किया गया है. पहले यह तालाब सिमटकर एक एकड़ से भी कम रह गया था, लेकिन अब इस तालाब का विस्तार 8 एकड़ में हो गया है.
अमृत सरोवर योजना से 200 साल पुराने भिवानी के अन्नेवाला तालाब के लौटे अच्छे दिन तोशाम गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आस-पास के लगभग 8 गांवों के लोग यहां पहले पानी भरने आते थे, पशु-पक्षियों के लिए भी यह तालाब अमृत के समान था, लेकिन समय के साथ-साथ यह तालाब अपने अस्तित्व को कहीं खोता चल गया. अमृत सरोवर योजना के तहत इसको फिर से आबाद किया (Anna Wala Pond Renovated) गया है. जोहड़ की दीवारों को पक्का करने के साथ ही यहां पर पेड़-पौधे भी रोपित किए गए हैं. आम लोगों के इस्तेमाल के लिए तालाब में रैप बनवाया गया है. इसके साथ ही सागवान माईनर से इस तालाब में पानी की व्यवस्था की गई है.
भिवानी का अन्नेवाला तालाब ग्रामीणों ने वहीं अन्नेवाला तालाब (Annala Talab Bhiwani) के इतिहास के बारे में बताया कि अंग्रेजों ने ग्रामीणों से एक आना मजदूरी पर इस तालाब को बनवाया था. इसीलिए इस तालाब का नाम अन्नेवाला तालाब पड़ा. पंचायती राज के जूनियर इंजीनियर कर्ण सिंह ने बताया कि अमृत सरोवर योजना के तहत लोगों को जल उपलब्ध करवाने के लिए तालाब का निर्माण कराया गया है.
तोशाम गांव भिवानी में बना तालाब जल संरक्षण अधिकारी संजय कोकचा ने बताया कि तालाब में पानी सिंचित करने की व्यवस्था 2278 क्यूसेक से बढ़ाकर 7 लाख 45 हजार क्यूसेककर दी गई है. पानी की निरंतर सप्लाई के लिए माइनर से भी जोड़ा गया है जिससे चरवाहों, पशु-पक्षियों को इसका सीधा लाभ हो सके.