अंबाला:ईटीवी भारत की टीम अपने खास कार्यक्रम 'जनता का घोषणा पत्र' के तहत एशिया के सबसे बड़े कपड़ा मार्केट पहुंची. जहां उन्होंने व्यापारियों से जाना कि अगर उन्हें अपना घोषणा पत्र बनाने का मौका दिया जाए तो वो किन-किन समस्याओं को सबसे ऊपर रखेंगे. इस दौरान हमने वहां के लोगों से उनकी समस्याएं और मेनिफेस्टो के मुद्दों को लेकर बातचीत की.
जानें क्यों ईटीवी ने की इस मुहिम की शुरूआत
'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम ईटीवी भारत ने इसलिए शुरू किया है, क्योंकि राजनीतिक पार्टियां हमेशा घोषणा पत्र बनाती तो हैं लेकिन ज्यादातर घोषणाओं को पूरा नहीं किया जाता है या घोषणा पत्र में वो समस्याएं ही नहीं होती जिनसे जनता रोजाना दो-चार होती है. इसलिए ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाते हुए 'जनता का घोषणा पत्र' कार्यक्रम के तहत जनता को मौका दिया है कि वो अपना घोषणा पत्र बनाए ताकि राजनीतिक पार्टियों तक उनकी आवाज और असल समस्याएं पहुंचे.
व्यापारियों के हित में होना चाहिए जीएसटी स्लैब
ईटीवी भारत की टीम जब एशिया की मशहूर कपड़ा मार्केट के व्यापारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो जीएसटी की स्लैब को व्यापारियों के हित में करना चाहिए.
ग्राहक पेंडिंग अमाउंट का प्रॉपर तरीके से करें भुगतान
वहीं व्यापारियों का कहना है कि जो उनके ग्राहक हैं, अगर उनके पास जीएसटी नंबर हैं तो उनके ऊपर कार्रवाई की जाए कि वो अपना पेंडिंग अमाउंट प्रॉपर तरीके से दें. ताकि वो अपना व्यापार सुचारू रूप से चला सकें