अंबालाःदिल्ली के चारों ओर किसान तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में 100 से ज्यादा दिनों से बैठे हैं और अब तक 300 से ज्यादा किसान अपनी जान इस आंदोलन के दौरन गंवा चुके हैं. शुरुआत में किसानों से सरकार ने कई दौर की बातचीत भी की, लेकिन वो बेनतीजा रही और अब महीनों से बातचीत भी बंद है. अब हालात ये हैं कि किसान मुखर होकर विरोध कर रहे हैं. वो हर जगह बीजेपी और उनके सहयोगी पार्टियों के नेताओं का विरोध कर रहे हैं और उनके कार्यक्रमों का बहिष्कार कर रहे हैं. ये विरोध पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है.
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हरियाणा के इस जिले में लगे बीजेपी-जेजेपी के विरोध में पोस्टर
आपको याद होगा कि शुरूआत में हरियाणा और पंजाब के किसान अंबाला के शंभू बॉर्डर पर मिले थे और वहीं पर पुलिस से सबसे ज्यादा भिड़ंत भी हुई थी. अब उसी अंबाला जिले के कई गांवों में किसानों बीजेपी और जेजेपी के विरोध में पोस्टर लगा दिए हैं. जिन पर लिखा है कि इस गांव में बीजेपी-जेजेपी के नेताओं का घुसना मना है अगर फिर भी गांव में आते हैं तो किसी भी तरह की घटना के लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे. भानो खेड़ी गांव के किसानों ने भी ऐसा ही पोस्टर अपने गांव के बाहर लगा रखा है.
क्या बोले किसान ?
जिन गांवों में सरकार के विरोध में पोस्टर लगे हैं उन किसानों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम किसी भी उस नेता को अपने गांव में नहीं घुसने देंगे जो इन तीन काले कानूनों के साथ खड़ा है. किसानों का कहना था कि उन्होंने बीजेपी के खिलाफ जेजेपी को वोट दिया था लेकिन वो उन्हीं के साथ जाकर मिल गए, लेकिन अब वो किसानों के फेवर में नहीं आ रहे हैं इसलिए उनका विरोध किया जा रहा है.