अंबाला: हरियाणा का अंबाला एक मात्र ऐसा जिला है जहां अन्य जिलों से व्यापारी थोक के भाव पर सामान खरीदने आते हैं. यहां पर कपड़ो से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान और सोने चांदी की जमकर खरीददारी होती है. अंबाला शहर और अंबाला छावनी विधानसभा में ज्यादातर लोग व्यपारी हैं या फिर दुकानों पर काम करने वाले कामगार हैं. इन लोंगो की रोजी रोटी का एकमात्र स्रोत व्यापार ही है. लेकिन कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर व्यापार आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं.
सराफा व्यापारियों ने बयां किया दर्द
ईटीवी भारत की टीम अंबाला शहर स्थित सराफा बाजार ये जानने के लिए पहुंची की कोरोना वायरस और लॉकडाउन कितना असर व्यापारियों के व्यवसाय पर पड़ा है. अंबाला सराफा एसोसिएशन के उपप्रधान मुकेश सिंघल ने बताया कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते उनका काम बिल्कूल खत्म हो गया है. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में लोगों को रोटी, कपड़ा के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. सोना, चांदी तो दूर की बात है.
व्यापार पर कितना पड़ा लॉकडाउन का असर
वहीं सराफा व्यापारी अखिल जैन ने बताया कि लॉकडाउन और सोने, चांदी के रेट्स में हो रहे इजाफे का उनके व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते देशभर में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. जिसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ा है. लोग सोना चांदी खरीदने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि हर साल रक्षाबंधन त्यौहार के आस पास लोग जमकर सोने, चांदी के आभूषनों की खरीदादरी करते थे. लेकिन इस बार कोरोना के चलते बाजार सुनसान पड़े हैं. लोगों की चहल पहल बाजारों से बिल्कुल गायब है. उन्होंने बताया कि काम नहीं होने के चलते कर्मचारियों को सैलरी देने में भी परेशानी हो रही है.