अंबाला: 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 7 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं इनेलो ने 2 और कांग्रेस ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि इस बार चुनाव में हर सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है. इस खास पेशकश में पढ़िए अंबाला लोकसभा सीट के बारे में-
लोकसभा चुनाव 2019: अंबाला लोकसभा सीट का लेखा-जोखा. लोकसभा चुनाव 2019 प्रत्याशी -
- रतन लाल कटारिया भाजपा
- कुमारी शैलजा कांग्रेस
- रामपाल वाल्मीकि इनेलो
- पृथ्वीराज सिंह आप
- नरेश सारंग बीएसपी
अंबाला लोकसभा क्षेत्र का दायरा -
अंबाला लोकसभा सीट के विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो इसमें 3 जिलों की 9 विधानसभा सीटें आती हैं.
- सढ़ौरा
- जगाधरी
- यमुनानगर
- मुलाना
- नारायणगढ़
- अंबाला कैंट
- अंबाला सिटी
- कालका
- पंचकूला
अंबाला लोकसभा सीट में मतदाता -
कुल- 18,53,577
पुरुष- 9,90,633
महिला- 8,62,944
मतगणना- 23 मई 2019
अंबाला लोकसभा चुनाव 2014 के नतीजे -
- बीजेपी रतन लाल कटारिया जीत 6,12,121 वोट मिले
- कांग्रेस राजकुमार वाल्मीकि हार 2,72,047 वोट मिले
अंबाला का इतिहास
अंबाला लोकसभा सीट उत्तर भारत में अपना ऐतिहासिक महत्व रखती है. आजादी से पहले अंबाला क्षेत्र का दायरा पंजाब और हिमाचल तक फैला हुआ था. तब इसे अंबाला-शिमला लोकसभा सीट कहा जाता था. यह सीट आरंभ से लेकर वर्तमान समय तक आरक्षित रही है, क्योंकि इस सीट पर दलितों की संख्या हरियाणा में सर्वाधिक है. 1952 से अब तक देखा जाए तो अंबाला सीट पर सबसे अधिक समय तक कांग्रेस का ही शासन रहा, लेकिन 1996 के बाद से कांग्रेस यहां अपना करिश्मा दिखाने में कमजोर पड़ गई. अंबाला लोकसभा में राजनीति की बात करें तो अंबाला के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री ही नहीं बल्कि कई राज्यों के राज्यपाल तक रह चुके हैं. यहां से ही राजनीति की पारी शुरू करने वाली सुषमा स्वराज अब विदेश मंत्री है जबकि स्व. सूरजभान उत्तरप्रदेश, हिमाचल के राज्यपाल रहे हैं. वर्तमान में इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.