चंडीगढ़: प्रवासी मजदूरों की मांग पर हरियाणा सरकार लगातार उनको घर भेज रही है. सरकार अबतक 2.90 लाख मजदूरों को उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर-पूर्व के राज्यों के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों में 77 ट्रेनों और 5,500 बसों के माध्यम से भेज चुकी है. सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के परिवहन पर 10 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया गया है.अब हरियाणा में सामान्य बस और ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया जा रहा है. हरियाणा सरकार प्रदेश के ऐसे मजदूर जो अपने प्रदेश में वापस लौटना चाहते है. उनको लाने का काम भी कर रही है.
सरकार के अनुसार अब राज्य में लगभग 15,000 मजदूर रह गए हैं, जो लौटने के इच्छुक हैं. उनके लिए ट्रेनों और बसों की व्यवस्था पर्याप्त संख्या में की गई है. सोमवार को 100 बसों की व्यवस्था भी की गई, लेकिन प्रवासी मजदूरों की संख्या कम होने की वजह से सिर्फ 15 बसें ही अन्य राज्यों के लिए भेजी गईं. हरियाणा में आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों ने यहां पर रहने का विकल्प चुना है और पहले की तरह उद्योगों में काम करना शुरु कर दिया है.
प्रवासियों की संख्या कम है, इसलिए अन्य राज्यों में बस और ट्रेन सेवा 27 मई, 2020 तक जारी रहेगी. अपने गृह राज्य लौटने के इच्छुक मजदूर अपने-अपने क्षेत्र के नोडल अधिकारियों और जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं. आने वाले दिनों में ट्रेनों को झारखंड और बिहार भेजा जाएगा. हालांकि 27 मई को विशेष रेलगाडिय़ों और बस सेवाओं के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा. राज्य में सामान्य बस और ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू किया जा रहा है.