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अंग्रेजी शासनकाल से बंद चला आ रहा रेलवे फाटक खुला, पंचायत ने ढोल-बाजे के साथ मनाई खुशियां - news

गांव के सरपंच सवाई सिंह चौहान ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल से ये रेलवे फाटक मात्र चंद घंटों के लिए दिन में खुलता था और पूरी रात बंद रहता था.

खुशी मनाते लोग

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Published : Mar 12, 2019, 3:31 AM IST

रेवाड़ीः बावल के गांव चिरहाड़ा की दशकों पुरानी मांग को आखिरकार रेलवे विभाग ने पूरी करते हुए दिल्ली-अलवर रेलमार्ग स्थित फाटक को 24 घंटे के खोले जाने की मंजूरी दे दी है .जैसे ही ये खबर ग्रामीणों को मिलीत तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और फाटक पर तैनात गेटमैन मांगेराम का ढोल बाजे व फूलमालाओं से स्वागत किया.

गांव के सरपंच सवाई सिंह चौहान ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल से ये रेलवे फाटक मात्र चंद घंटों के लिए दिन में खुलता था और पूरी रात बंद रहता था, जिसके कारण यहां से गुजरने वाले लगभग 20 गांवों के लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

उन्होंने कहा कि फाटक नंबर-67-ई सायं 7 बजे बंद कर दिया जााता था.जिसके कारण लोगों का आवागमन ठप हो जाता था या फिर लंबी दूरी तय करके गंतव्य को जाना पड़ता था. 24 घंटे फाटक खुला रखने की उनकी इस मांग को रेलमंत्रालय ने मंजूर कर लिया है और विधिवत रूप से ये खोल दिया गया है.

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