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इसलिए दिलचस्प हो चुकी है फरीदाबाद लोकसभा सीट की 'जंग', ये हैं सियासी समीकरण - haryana

अब ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा कि जीत का ताज किसके सर पर सजेगा. लेकिन जब ईटीवी भारत ने फरीदाबाद के मतदाताओं से मुद्दों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा में बहुत सारे ऐसे मुद्दे है जिनको ध्यान में रखकर वो वोट करेगें

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Published : Mar 17, 2019, 2:36 AM IST

फरीदाबादः यूं तो हरियाणा की हर लोकसभा सीट काफी दिलचस्प है, लेकिन बात अगर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र की करें तो इस बार के आम चुनाव में यहां मुकाबला कड़ा रहने वाला है. यहां सीधी जंग बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजर आ रही है. इस लोकसभा क्षेत्र के सियासी समीकरण क्या कहतें हैं, आईए आपको बताते हैं.

इस बार के ये हैं सियासी समीकरण
फरीदाबाद सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस, इनेलो व बसपा के बीच ही होने की संभावना है. वर्तमान में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर यहां से सांसद बनकर केंद्र में राज्यमंत्री हैं. फरीदाबाद सीट के गठन के बाद अब तक हुए 11 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी में ही सीट जीतने की होड़ लगी रही.

कृष्णपाल गुर्जर ने जीत के अंतर से बनाया था रिकार्ड
कांग्रेस पार्टी ने जहां 6 बार वहीं भाजपा ने चार बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. इस बार भी टक्कर इन्हीं दोनों पार्टियों में रहने वाली है. हालांकि अभी किसी भी पार्टी की ओर से टिकटों की सूची जारी नहीं की गई है. फरीदाबाद लोकसभा सीट से वर्ष 2014 में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर ने 4,66,873 मतों के भारी अंतर से चुनाव जीता था. इतने बड़े अंतर से फरीदाबाद संसदीय सीट के इतिहास में अभी तक किसी ने भी चुनाव नहीं जीता. गुर्जर ने देश के उन दस उम्मीदवारों में अपना स्थान बनाया था, जिन्होंने जीत के अंतर का रिकॉर्ड बनाया था.

2014 में ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत हुई थी जब्त
इस चुनाव में कृष्णपाल के सामने खड़े कुल 27 उम्मीदवारों में से सिर्फ कांग्रेस प्रत्याशी अवतार भड़ाना ही जमानत बचाने में कामयाब हो पाए थे. बाकी इनेलो के आरके आनंद को 1,32,472, आम आदमी पार्टी के पुरुषोत्तम डागर को 67,333 और बहुजन समाज पार्टी के राजेंद्र शर्मा को 66000 मत मत मिले थे.

टिकट के लिए मारामारी !
लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद अब टिकट के लिए मारामारी शुरू हो गई है. फरीदाबाद में सबसे ज्यादा मारामारी के हालात कांग्रेस और भाजपा में हैं इन दलों के सभी संभावित प्रत्याशी दिल्ली में बैठे अपनी अपनी राजनीतिक आकाओं के घरों की परिक्रमा करने में लगे हैं.

आम आदमी पार्टी, इनेलो, जजपा, और बसपा के टिकट से चुनाव लड़ने में अभी किसी भी नेता ने अपना रुख साफ नहीं किया है. माना जा रहा है कि इनमें से कुछ दल अभी भी गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहे हैं. जजपा, इनेलो ,बसपा और आम आदमी पार्टी भले ही चुनाव के लिए हरियाणा में सक्रिय भूमिका में रहे हो, लेकिन इस लोकसभा सीट में अभी इनमे से किसी भी व्यक्ति ने दावेदारी का दावा नहीं किया है.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी फरीदाबाद में दो बार अपनी स्कूल, अस्पताल रैली के माध्यम से चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. इसके अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद भी फरीदाबाद में पिछले 3 माह में दो बार प्रेस वार्ता कर गठबंधन की ओर इशारा कर चुके हैं.

जींद उपचुनाव से पहले और बसपा ने इनेलो के साथ गठबंधन किया था. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन तोड़ दिया था. भाजपा के मौजूदा सांसद कृष्ण पाल गुर्जर भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में अच्छी पैठ बना चुके हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान फरीदाबाद सीट से उन्हें दोबारा मौका देगी. इसके लिए क्षेत्र में किए गए विकास कार्य को महत्वपूर्ण मानते है.

हालांकि भाजपाइयों में चर्चा इस बात की भी है कि दिल्ली निगम चुनावों में जिस प्रकार पार्टी मुखिया अमित शाह ने नए चेहरों को मौका दिया था. उसी फार्मूले को इस बार लोकसभा चुनावों में भी अपनाया जाएगा ऐसा होता है तो भाजपा सीट से किसी नए चेहरे को उतार सकती है. शहर में चर्चा इस बात की भी है कि प्रदेश के पर्यावरण एवं उद्योग मंत्री विपुल गोयल भी टिकट पाने की जुगत में है.

कांग्रेस में भी टिकट के लिए घमासान
फरीदाबाद सीट पर इस बार कांग्रेस टिकट के लिए सबसे ज्यादा हंगामेदार स्थिति में रहेगी. हाल में ही 3 राज्यों में सरकार बनाने के बाद कांग्रेसियों में लोकसभा चुनाव के लिए खासा उत्साह है. यही कारण है कि इस बार कांग्रेस की टिकट को पाने के लिए कई नेता अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं. कांग्रेसियों में सबसे पहले नंबर पर हैं पलवल के विधायक करण सिंह दलाल का नाम चर्चाओं में है.

हाल में ही भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आया अवतार सिंह भड़ाना फरीदाबाद लोकसभा सीट पर अपनी पुख्ता दावेदारी की ताल ठोक रहे है. जबकि करण सिंह दलाल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा के काफी करीबी है और दिल्ली तक करण दलाल के तार जुड़े हुए हैं.

ऐसे में करण दलाल का टिकट यहां से पक्का माना जा रहा है. वही. अवतार सिंह भड़ाना ने प्रियंका गांधी के समक्ष पहुंचकर कांग्रेस को ज्वाइन किया है और उनका कहना है कि पार्टी जिसको टिकट देगी उसका साथ देंगे. उधर तिंगाव विधानसभा के कांग्रेस के विधायक ललित नागर भी इस सीट से चुनाव लड़ने के मूड में है.

पिछले कई महीनों से वे लोकसभा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान ललित को जिस जिस सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई वो सभी सीट कांग्रेस के खाते में चढ़ी थी ऐसे में ललित नागर को पूरी उम्मीद है कि हाईकमान लगा सकते हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कोआर्डिनेटर कमेटी के सदस्य भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मैरिठ लिस्ट में आने वाले उम्मीदवार को ही पार्टी का टिकट मिलेगा.

फरीदाबाद लोकसभा सीट की 'जंग'

हरियाणा का 10वां निवार्चन क्षेत्र है फरीदाबाद
फरीदाबाद लोकसभा निवार्चन क्षेत्र हरियाणा का 10वां निवार्चन क्षेत्र है. सन 1976 में हरियाणा में लोकसभा सीटों का विस्तार करते हुए फरीदाबाद लोकसभा को बनाया गया. सन 1977 में पहली बार फरीदाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा गया, जिसमें जनता पार्टी से उम्मीदवार धर्मवीर वशिष्ठ ने जीत हासिल की.

फरीदाबाद लोकसभा का क्षेत्रफल 742.6 किलोमीटर है. वर्तमान में फरीदाबाद लोकसभा की जनसंख्या 18 लाख के लगभग है. फरीदाबाद लोकसभा में 9 विधानसभा सीटे, होडल, हथीन, पलवल, पृथ्ला, फरीदाबाद एनआईटी, बढखल, तिंगाव, बल्लबगढ़, फरीदाबाद शामिल है.

फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से अब तकचुनाव लड़कर जीतने वाले सांसदो की सूची.

  • 6वीं लोकसभा- 1977-80, धमीवीर वशिष्ठ, जनता पार्टी
  • 7वीं लोकसभा- 1980-84, तैय्यब हुसैन, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 8वीं लोकसभा- 1984-1989, रहीम खान, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 9वीं लोकसभा- 1989-91, भजन लाल, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 10वीं लोकसभा- 1991-96, अवतार सिंह भडाना, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 11वीं लोकसभा- 1996-98, चौधरी रामचन्द्र बेंदा, भारतीय जनता पार्टी
  • 12वीं लोकसभा- 1998-99, चौधरी रामचन्द्र बेंदा, भारतीय जनता पार्टी
  • 13वीं लोकसभा-1999-04, चौधरी रामचन्द्र बेंदा, भारतीय जनता पार्टी
  • 14वीं लोकसभा- 2004-2009, अवतार सिंह भडाना, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 15वीं लोकसभा- 2009-2014, अवतार सिंह भडाना, इंडियन नेशनल कांग्रेस
  • 16वीं लोकसभा- 2014-अभी तक- कष्णपाल गुर्जर , भारतीय जनता पार्टी

लगभग साढ़े 19 लाख मतदाता उम्मीदवार की किस्मत का करेंगे फैसला
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में साल 2014 से अब तक पांच साल में करीब दो लाख नए वोटरों का इजाफा हुआ है. इस बार 19 लाख 60 हजार 413 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इसमें 8 लाख 79 हजार 280 महिलाएं है, जबकि 10 लाख 79 हजार 569 पुरुष मतदाता वोट डालेंगे. फरीदाबाद जिले की बात करें तो 13 लाख 74 हजार 840 मतदाता अपना वोट डाल सकेंगे. वहीं, पलवल जिले में 5 लाख 85 हजार 513 मतदाता अपने वोट का प्रयोग कर सकेंगे.

फरीदाबाद लोकसभा में पड़ने वाले 9 विधानसभा क्षेत्रों में से तिगांव विधानसभा से सबसे अधिक 26,5, 555 वोटर हैं, तो सबसे कम होडल विधानसभा क्षेत्र में 17,5, 778 वोटर हैं. वोट डालने के लिए पूरे फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में 2036 बूथ बनाए गए हैं. इनमें से 1351 फरीदाबाद जिले में हैं तो पलवल जिले में 685 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

होडल विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम वोटर लोकसभा चुनावों के दौरान फरीदाबाद के 6 विधानसभा क्षेत्रों के 13 लाख 74 हजार 840 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 7 लाख 60 हजार 963 पुरुष व 6 लाख 12 हजार 373 महिला वोटर शामिल हैं. वहीं, सर्विस वोटरों की संख्या 1504 है.

वहीं, पलवल जिले में 5 लाख 85 हजार 513 मतदाता अपने वोट का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 318606 पुरुष वोटर हैं, तो 266907 महिला वोटर हैं. फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में फरीदाबाद जिले की तिगांव विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 2 लाख 65 हजार 757 वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जबकि पलवल जिले के होडल विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 175778 वोटर अपने मत का इस्तेमाल कर सकेंगे.

फरीदाबाद जिले की विधानसभा में हैं इतने मतदाता

  • विधानसभा क्षेत्रः कुल वोट- पुरुष वोट- महिला वोट
  • पृथलाः 181030- 97655- 82678
  • एनआईटी फरीदाबादः 238751- 134497- 104005
  • बड़खलः 250511- 137334- 113082
  • बल्लभगढ़ः 218098- 123210- 94796
  • फरीदाबादः 220693- 120149- 100465
  • तिगांवः 265757- 148118- 117437

पलवल जिले की विधानसभा में हैं इतने मतदाता

  • पलवल- 214065
  • हथीन- 199670
  • होडल - 175778

7 सेकंड तक दिखाई देगी वीवीपैट से पर्ची
फरीदाबाद जिले की 6 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,351 बूथों पर वोटिंग होगी. इस बार ईवीएम मशीनों के साथ वीवीपैट मशीनों को भी कनेक्ट किया जाएगा. कोई भी मतदाता जब वोट डालेगा, तो वीवीपैट मशीन में उस उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह व नाम की पर्ची दिखाई देगी. ये पर्ची 7 सेकंड तक दिखाई देगी. उसके बाद वीवीपैट के साथ रखे बॉक्स में गिर जाएगी.

ईवीएम व वीवीपैट मशीन तैयार
फरीदाबाद जिले में चुनावों के लिए ईवीएम व वीवीपैट मशीन तैयार हैं. जिले में ईवीएम की 1,348 कंट्रोल यूनिट व 2,351 बैलेट यूनिट आ चुकी हैं. वहीं अभी तक यहां पर 1,245 वीवीपैट मशीनें आ गई हैं. इसके अलावा, पलवल जिले में 685 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक अत्याधुनिक एम थ्री ईवीएम स्टार्ट होते ही खुद सब कुछ चेक करेगी. यदि मशीन में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी होगी तो वह स्क्रीन पर डिस्प्ले होने लगेगा.
इससे कर्मचारियों को कमी का पता लग जाएगा और आसानी से ठीक की जा सकेगी. एम थ्री मशीन वीवी पैट को भी सपोर्ट करेगी. 2014 में एम टू मॉडल की ईवीएम से चुनाव कराए गए थे. उसमें वीवी पैट मशीन कनेक्ट करने की कोई व्यवस्था नहीं है. एम थ्री ईवीएम एडवांस कंट्रोल मशीन है.

निर्वाचन आयोग से ऐसे लें जानकारी
निर्वाचन आयोग ने राज्यस्तरीय जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800-3361950 स्थापित किया है. इसके अलावा, मतदाता जिले में वोटर हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1950 पर काल कर एवं एसएमएस के माध्यम से अपने पोलिंग स्टेशन, विधानसभा क्षेत्र, बीएलओ, निर्वाचन अधिकारी, चुनाव प्रक्रिया, ईवीएम, वीवीपेट, वोटर हेल्पलाइन एप, चुनाव कार्यक्रम आदि की भी जानकारी ले सकेंगे.

अधिकारियों के मुताबिक होने वाले लोकसभा चुनाव में सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों के 1,351 पोलिंग स्टेशनों पर एम थ्री मॉडल ईवीएम लगाई जाएगी. हर मशीन के साथ वीवी पैट मशीन भी जुड़ी होगी. पृथला में 209, एनआईटी में 232, बड़खल में 230, बल्लभगढ़ में 207, फरीदाबाद में 204 और तिगांव में 269 पोलिंग स्टेशनों पर मशीन लगाई जाएंगी.फरीदाबाद व पलवल की सभी नौ विस सीटों पर पहली बार एम थ्री मॉडल की ईवीएम से वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे ,

किसके सिर सजेगा जीत का ताज?
अब ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा कि जीत का ताज किसके सर पर सजेगा. लेकिन जब ईटीवी भारत ने फरीदाबाद के मतदाताओं से मुद्दों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा में बहुत सारे ऐसे मुद्दे है जिनको ध्यान में रखकर वो वोट करेगें. मतदातओं ने कहा कि फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी का नाम तो दे दिया गया,

लेकिन स्मार्ट सिटी जैसी एक भी सुविधा फरीदाबाद में नही है. यहां आज भी बेरोजगारी की समस्या सबसे बड़ी है. फरीदाबाद में आज प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ रहा है. मौजूदा सांसद अब चुनावों में लोगो के बीच आ रहे है, लेकिन 2014 के बाद कभी समस्याएं सुनने नही आये. उन्होंने कहा कि लोकसभा में सड़कों की हालत खस्ता है. सांसद ने बस अपने कुछ करीबीयों को फायदा पहुंचाने का काम किया है.

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