Geeta Gyan: जो विशुद्ध आत्मा है वह सबों को प्रिय होता है और सभी लोग... - geeta gyan
जो भक्ति भाव से कर्म करता है, जो विशुद्ध आत्मा है वह सबों को प्रिय होता है और सभी लोग उसे प्रिय होते हैं. कर्मयोग के बिना संन्यास सिद्ध होना कठिन है. मननशील कर्मयोगी शीघ्र ही ब्रह्म को प्राप्त करता है. निश्चल भक्त शान्ति प्राप्त करता है क्योंकि वह समस्त कर्मफल भगवान को अर्पित कर देता है. जो पुरुष न द्वेष करता है, न किसी की आकांक्षा, वह भवबन्धन को पार कर जाता है. Todays motivational quotes.