जानिए कहां एक साथ 1139 अस्थियां करायी गईं विसर्जित
कहा जाता है कि अपनों के लिए तो सब करते हैं, लेकिन जो दूसरों के लिए कुछ करे, वही इंसानियत होती है. कुछ ऐसा ही राजस्थान के जोधपुर की संस्था हिंदू सेवा मंडल साल 1925 से करती आई है. यह संस्था लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के साथ उनकी अस्थियों को पूरे विधि-विधान के साथ विसर्जित करती है. मंगलवार को संस्था ने लावारिस शवों को मोक्ष दिलाने के लिए उत्तराखंड स्थित हरिद्वार की हरकी पैड़ी पहुंच कर एक साथ 1139 अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया. इस संस्था से जुड़े 24 सदस्य बीते कई दशकों से पूरे साल अपने इलाके में लावारिस मरने वाले लोगों की अस्थियों को एकत्र करती है और साल में एक बार हरिद्वार आकर पूरे विधि-विधान से गंगा में विसर्जित करने का काम करती है. आज जिन अस्थियों को सामूहिक रूप से विसर्जित कराया गया, ये उन लोगों की जिनकी मौत कोविड काल में हुईं और कोरोना के भय से उनकी अस्थियों का किसी ने अंतिम संस्कार नहीं कराया. जब लोग कोरोना वायरस संक्रमित अपने मृतकों की अस्थियों को हाथ नहीं लगाते थे, तब संस्था ने एक अस्थि बैंक की स्थापना, जिसमें 1000 से 1500 शवों की अस्थियों को रखने की व्यवस्था है.