इस देसी तकनीक से मसाले बना रहे 'छोटू', जानें क्या है इसकी खासियत
झारखंड के गिरिडीह जिले में परंपरागत तरीके 'ढेकी' से मसाला, दाल व चावल को कूटकर उसकी पैकेजिंग करने का कार्य किया जा रहा है. यह काम, युवा बैजनाथ महतो छोटू की अगुवाई में हो रहा है. उनकी 'हरियर उलगुलान' के तहत मसाला बनाने का का देसी अंदाज सबको भा रहा है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई. काफी मंथन करने के बाद एक बात समझ आई कि मिलावटी मसाले, तेल व मशीनरी के उपयोग के कारण लोगों के अंदर रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो गई है. इसी को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया कि मसालों को उत्पादित करने के बाद, उसे ढेकी में कूटकर आम लोगों तक पहुंचाएंगे. इसके बाद उन्होंने हरियर उलगुलान ट्रस्ट बनाकर लोगों की मदद से खेती शुरु की और आज वह लोगों को रोजगार देने के साथ शुद्ध मसालों सहित अन्य खाद्य लोगों तक पहुंचा रहे हैं.