उत्तरकाशी: यहां ढोल-दमाऊ के साथ निकाली जाती है शव यात्रा, रोने की बजाए लोग करते हैं पंशारा नृत्य
देवभूमि अपनी अतीत की परंपराओं के लिए भी जानी जाती है. जहां की परंपरा अपने आप में काफी अनूठी है. आपने अकसर किसी की भी मौत पर लोगों को रोते-बिलखते और मातम मनाते देखा होगा. लेकिन आज हम आपको ऐसी हकीकत से रूबरू कराने जा रहे हैं. जिसको सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. जी हां ठीक सुना आपने सीमांत जनपद उत्तरकाशी के बाजगी समाज के लोग बुजर्ग व्यक्ति की भी मौत पर पंशारा नृत्य करते हैं. जो प्रथा अतीत से चली आ रही है. अतीत के साथ ही ये परंपरा अब उत्तरकाशी के रवांई घाटी के कुछ गांव तक ही सिमटी हुई है.