वाजपेयी को याद कर खड़गे का छलका दर्द, कहा- दमदार तर्क नहीं, सिर गिने जाते हैं
राज्य सभा में सांसदों की विदाई के मौके पर अपने भाषण के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे भावुक दिखे. उन्होंने कहा कि सभी लोगों ने एक-दूसरे के विचारों को धैर्य से सुना ये अच्छा लगा. उन्होंने कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन राज्य सभा में पुराने लोगों के जाने और नए लोगों के आने का सिलसिला चलता रहेगा. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को याद कर खड़गे ने कहा, पंडित जी ने राज्य सभा के अधिकार को कभी कम नहीं होने दिया. 1953 के बजट वक्तव्य का जिक्र कर खड़गे ने कहा, यह सदन भी उतनी ही शक्ति रखता है, जितनी लोक सभा. 1987 में राज्य सभा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष में रहने के दौरान कहा था, बिना राज्य सभा में रहे राजनीति का पूरा प्रशिक्षण और अनुभव नहीं हो पाता है. खड़गे ने कहा, 11 बार जीतने के बाद पहली बार राज्य सभा में आने पर उन्हें वाजपेयी की बात महसूस होता है. बकौल खड़गे, वाजपेयी ने कहा था हम संख्या में कम हैं, लेकिन हमारे तर्कों में ज्यादा दम होता है. कठिनाई ये है कि तर्क गिने नहीं जाते, सिरों की गिनती होती है. उन्होंने सरकार से विपक्ष के दमदार तर्कों पर ध्यान देने की अपील भी की.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:21 PM IST