झज्जर :हरियाणा की 12 साल पहलवान दीक्षा के सपनों की उड़ान काफी ऊंची है. हिंद केसरी सोनू अखाड़े की पहलवान 12 साल की दीक्षा ने जॉर्डन में हुई अंडर-15 एशिया कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है. लेकिन अब दीक्षा का सपना ओलंपिक मेडल जीतना है. दीक्षा हरियाणा के झज्जर जिले के मांडौथी गांव की रहने वाली हैं और उन्होंने गांव का नाम रौशन किया है. लेकिन जो बात उनकी उपलब्धि को खास बनाती है वो ये है कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में गोल्ड मेडल जीतने वाली मांडौथी की पहली महिला पहलवान हैं. 33 किलोग्राम भार वर्ग में दीक्षा ने जापान की नाकानिशी, कजाकिस्तान की झानारगुल और किर्गिस्तान की असेमा को हराकर जीत हासिल की. वे अब ओलंपिक पदक जीतना चाहती हैं. युवा पहलवान दीक्षा ने कहा कि 8वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही हैं. लेकिन उनका जन्म कुश्ती के लिए हुआ है. उनके दादा लाजपत राय ने कहा कि दीक्षा ने शुरुआत में कुश्ती में दिलचस्पी दिखाई तो परिवार ने उसे बढ़ावा दिया. कुश्ती कोच धर्मेंद्र ने कहा कि अपने से बड़े पहलवानों के साथ अभ्यास करते हुए दीक्षा लगातार बेहतर होती जा रही हैं. ऐसे में कोच और परिवार के साथ-साथ पूरे इलाके को दीक्षा से उम्मीद है कि एक दिन वे भी ओलंपिक में भारत का गौरव बढ़ाने का काम करेंगी. विजेता और विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चुने गए पहलवानों का अखाड़े में जोरदार स्वागत किया गया.