G20 Summit: जानें क्या है जी-20 और कैसे होगा भारत को फायदा...
नई दिल्ली: भारत पहली बार G-20 की अध्यक्षता कर रहा है. 10 सितंबर 2023 को मुख्य रूप से G20 समिट होगा. इसके लिए दिल्ली सहित देश के 50 से अधिक शहरों में 200 से ज्यादा आयोजन की रूपरेखा तय की गई है. इसकी तैयारी जोर-शोर से शुरू कर दी गई है. खबर है कि देशी और विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए दिल्ली के प्रगति मैदान तैयार किया जा रहा है. लगभग 2700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से तैयार हो रही इस परियोजना में लोगों के आने-जाने और मनोरंजन से लेकर बैठने, खाने-पीने, ठहरने तक की व्यवस्था की जा रही है. सांस्कृतिक दृष्टि से भी पूरे परिसर को नया लुक देने की कोशिश की गई है.
यहां तैयार होने वाला कंवेंशन सेंटर अपने आप में अनूठा व अद्भुत होगा. क्योंकि इसमें एक ही समय में सात हजार से अधिक लोगों की बैठक एक साथ हो सकती है. इसके अतिरिक्त वीवीआईपी मेहमानों के लिए हेलीपैड भी यहां प्रस्तावित है. इतना ही नहीं दुबई व कई अन्य देशों में होने वाले लेजर शो की तर्ज पर लोगों को यहां भी मनोरंजक आरामदायक पल बिताने के लिए विशेष लेजर शो की व्यवस्था रखने की भी योजना है.
वहीं, इसकी तैयारियों के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से 927 करोड़ का बजट मांगा है. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र ने बजट में G-20 के लिए कोई अतिरिक्त घोषणा नहीं की है, इसलिए दिल्ली सरकार को अलग से 927 करोड़ रुपए दिए जाए.
बता दें, अगले 7 महीने में जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं. कार्यक्रम की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम है, यानी धरती ही परिवार है. यह भारत की विविधता को पेश करते हुए आयोजन किए जा सकते हैं. इंडोनेशिया और चीन में आयोजित समिट से पहले भी ऐसे आयोजन किए गए थे. इंडोनेशिया के 14 शहरों में करीब 85 कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. वहीं, चीन के 25 शहरों में करीब 200 प्रोग्राम्स हुए थे. भारत में भी 200 कार्यक्रमों को किए जाने की तैयारी है.
आयोजन से भारत को क्या फायदा होगा? :G20 की अध्यक्षता के जरिए भारत को दुनियाभर के देशों के सामने ब्रैंड इंडिया की छवि मजबूत बनाने का मौका मिलेगा. इसकी शुरुआत प्रधानमन्त्री मोदी ने हाल में इंडोनेशिया में हुए जी-20 समिट से की थी. उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों से बने उत्पाद दुनिया के दिग्गज नेताओं को तोहफे में दिए थे.
देश के 50 शहरों में जी-20 से जुड़े आयोजनों की तैयारी का लक्ष्य रखा गया है. इसके जरिए टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. इन कार्यक्रमों के जरिए दुनिया के देशों में भारत के पर्यटन स्थलों की लोकप्रियता बढ़ेगी. इस कार्यक्रम के जरिए मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिल सकता है. दुनियाभर के देशों के बीच भारत में बने उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी. इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. भारत के पास मौका है कि मेजबानी करके खुद को दुनिया के सामने जोरदार तरीके से पेश कर सके.
क्या है G20? :जी-20 यानी ग्रुप ऑफ ट्वेंटी. G20 दुनिया के 2o देशों का ग्रुप है. ये 20 देश दुनिया का 75% ट्रेड करते हैं और दुनिया का 85% जीडीपी इन्हीं देशों के पास है. इसमें भारत, चीन, अमेरिका, रूस, जापन, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन समेत कुल 20 देश हैं. इसका गठन सन् 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था.
(रिपोर्टःआशीष कुमार)