महाभारत में अभिनय के समय लोगों ने पूछा था, रसगुल्ला खाने वाली बंगाली क्या हिंदी बोलेगी ?
राज्य सभा से रिटायरमेंट के मौके पर अपने भाषण में रूपा गांगुली ने कहा, पीएम मोदी और चेयरमैन नायडू का वक्तव्य सुनने के बाद उनकी सोच इधर से उधर हो गई. उन्होंने बताया, अंत्योदय के विचार से प्रेरित होकर 2015 में राजनीति में आई. उससे पहले राजनीति से कोई सरोकार नहीं था. उन्होंने सुझाव दिया, सेंट्रल विस्टा परियोजना में ट्रैवलेटर लगाया जाना चाहिए. नेता-मंत्री को फायदा होगा. रूपा गांगुली ने बताया कि वे अविभाजित बंगाल से आती हैं, पिता ढाका के, मां बोरिशाल की. मैं दोनों की कॉम्बिनेशन हूं, गुस्सा बहुत आता है, लेकिन राज्य सभा में आने के बाद सदन की गरिमा सर्वोपरी हो गई. बनना था आर्किटेक्ट बन गईं आर्टिस्ट. फिर प्रोफेशन से छुट्टी लेनी पड़ी. रूल और प्रोसीजर बिल्कुल नहीं सीख सकी. भूपेंद्र यादव और डेरेक ओ ब्रायन जब प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाते थे तो लगता था कि इनको कैसे याद रहता है. उन्होंने कहा कि वे घर जाकर रूल बुक पढ़ने और याद करने का वादा करती हैं, बच्चों को कार्यकर्ताओं को भी सिखाएंगी. उन्होंने कहा कि वे हिंदी-अंग्रेजी सीखना चाहती थीं. रूपा गांगुली ने कहा, कॉमर्स कमेटी में शामिल होने के बाद कई लोगों ने अलग होने की सलाह दी. सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि मेंटर का प्रोग्राम होना चाहिए. संसद में आर्टिफैक्ट्स की दुकान में फाउंटेन पेन भी रखना चाहिए. उन्होंने कहा, महाभारत में अभिनय करते समय लोगों ने कहा था, रसगुल्ला खाने वाली बंगाली क्या हिंदी बोलेगी ? भाजपा से संबद्ध मनोनीत रूपा गांगुली ने सुझाव दिया कि जो लोग संसद की नियम पुस्तिका फेंकते हैं, उन्हें दिल में दर्द अवश्य होता होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि इस पुस्तिका को 'साफ्ट टॉय' के रूप में बनाना चाहिए ताकि ऐसा करते समय किसी का दिल नहीं टूटे.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:21 PM IST